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विटामिन ई -के केप्सूल लगाने के फायदे व नुकसान
विटामिन ई का हमारे शरीर में होना अति आवश्यक है। विटामिन ई की कमी के चलते पांवो की माशपेशियों में जकड़न व दर्द हो सकता है। व शरीर की अन्य मासपेशियो में भी जकड़न और दर्द हो सकता है। तथा शरीर में थकान और हृदय सम्बन्धी रोग हो सकते है। विटामिन ई हमें ताजा सब्जियों और फलों से आसानी से मिल जाता है। यही कारण है की उपरोक्त लक्षणों को देखते हुए चिकित्सक विटामिन ई व हरी सब्जियां व सलाद खाने का परामर्श देते है।
विटामिन ई विटामिन होने के साथ साथ एक बहुमुखी खाद्य सरक्षक भी है। अधिकतर इसका प्रयोग तैलीय पदार्थों जैसे तेल घी दूध के उत्पादों व वसा के उत्पादों के साथ किया जाता है। अधिकतर विटामिन ई सिंथेटिक होते है। जो इन पदार्थों में मिलाए जाते है। जिनमे से अधिकतर कॉस्मेटिक में काम आने वाली क्रीम व वसा युक्त अन्य श्रृंगार के उत्पादों में विटामिन ई का उपयोग होता है। जैसे क्रीम लोशन लिपस्टिक आदी।
बस यही से एक गलत धारणा शुरू होती है। अधिकतर नौजवानो में यह खुशफहमी है की विटामिन ई के लाभ के लिए विटामिन ई के कैप्सूल्स का उपयोग से उनकी त्वचा और बालो को सीधे ही विटामिन ई का लाभ दिया जा सकता है। इसमें कोई शक नहीं की विटामिन ई से त्वचा और बालो को चमकदार मुलायम व त्वचा की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। लेकिन विटामिन ई के कैप्सूल्स से त्वचा को सीधे तौर पर विटामिन ई नहीं दिया जा सकता है।
इसका मुख्य कारण विटामिन ई के कैप्सूल्स में विटामिन ई सिंथेटिक होता है तथा इसको शरीर में घुलने के लिए बनाया जाता है। विटामिन ई कैप्सूल्स में विटामिन ई को पेट के तेजाब से बचने के लिए अम्लीय तेल था वेक्स के साथ कैप्सूल में भरा जाता है। इन कैप्सूलों में विटामिन ई के सिंथेटिक रूप या प्राकृतिक रूप के साथ सोयाबीन तेल ,ग्लिसरीन , सोर्बिटोल ,बी वैक्स ,,तथा वनस्पति घी (हाइड्रोलाइज्ड वेजिटेबल ऑयल ) आदि के साथ मिला होता है।
जो किसी भी तरह से त्वचा में या बालों में नहीं समा पता है। लेकिन विटामिन ई के साथ मिले इतने चिकने प्रदार्थो से एक बार त्वचा और बालो की चमक व सॉफ्टनेस महसूस की जाती है। जो इस खुशफहमी को बरक़रार रखे हुवे है।
टीवी रेडिओ विज्ञापनों में भी विटामिन ई युक्त क्रीम तेल में विटामिन ई को बढ़ा चढ़ा कर बताया जाता है। जिससे युवाओं और ब्यूटी पार्लर वालो में विटामिन ई के कैप्सूल को त्वचा और बालों में लगाने का फैशन बना हुवा है।
विटामिन ई की पूर्ति के लिए प्राकृतिक रूप से फलों और सब्जियों का उपयोग करे। त्वचा के लिए एलोवेरा ,खीरा आदि का उपयोग किया जा सकता है या विटामिन ई युक्त कॉस्मेटिक उत्पादों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है जिनमे विटामिन ई त्वचा या बालो के अनुसार ढला हो। विटामिन ई कैप्सूल में मिश्रित तेलों की वजह से त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। याद रहे मेडिसिन विज्ञान में जो उत्पाद जिस उद्देश्य के लिए बनाया गया है वो उसी काम के लिए होता है। जो खाने के लिए है वो खाने के लिए है और जो लगाने के लिए है वो लगाने के लिए ही होता है।
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