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टाइटेनियम डाई ऑक्साइड -एक फ़ूड एडिटिव जो आपको बीमार कर सकता है। 

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कई स्वास्थ्य सतर्कता एजेंसियों ने माना टाइटेनियम डाई ऑक्साइड को कैंसरकारक। 

 टाइटेनियम डाई ऑक्साइड जिसे बहुत से लोगो ने अपनी रसायन  विज्ञान की किताबो में जरूर पढ़ा होगा। लेकिन विडम्बना ये है की आज भी रसायन शास्त्र की किताबो के आलावा भी इसी रसायन का उपयोग हमारे खान पान की व प्रोसेस फ़ूड में जम कर उपयोग हो रहा है , और हम इसको नहीं पढ़ पा रहे है।

  टाइटेनियम डाई ऑक्साइड को खाद्य अवयवों में इसे  E-171 के रूप में कृत्रिम रंग  खाद्य व दवाओं की सामग्री सूचि में दर्शाया जाता है। जिसे समझ पाना हर किसी के क्षमता में नहीं होता है।  इसका रासायनिक सूत्र Tio2 होता है।  जिसे पहचाना जा सकता है। लेकिन खाद्य उधोगो में ऐसे रसायनो को E कोड के रूप में लिखा जाता है।  ताकि हर कोई इसको पहचान न पाये। 

यूरोपियन देशो में  टाइटेनियम डाई ऑक्साइड को लेकर कई तरह के दबाव होने के बावजूद इसको कुछ देशो में प्रतिबंधित किया गया है। 

2022 में सऊदी अरब, यमन और कतर ने टाइटेनियम डाइऑक्साइड E171 के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।इन देशों ने   इस एडिटिव और SFDA सर्कुलर  के यूरोपियन  EFSA और अमेरिकन FDA के  मूल्यांकन का पालन किया है।

सऊदी एफडीए ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि E171 को खाद्य उत्पादों में उपयोग से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके अलावा, इस एडिटिव वाले खाद्य उत्पादों के मौजूदा पंजीकरण रोक दिए जाएंगे। 21 अक्टूबर 2022 तक सभी कानूनी कदम उठाए गए है ।

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यमन ने 25 सितंबर 2022 से सभी खाद्य उत्पादों में टाइटेनियम डाइऑक्साइड के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है।
कतर ने सभी खाद्य पदार्थों में E171 (टाइटेनियम डाइऑक्साइड) के उपयोग पर प्रतिबंध के बारे में एक परिपत्र (09.06.2022 को) भी प्रकाशित किया। स्थानीय और आयातित उत्पादों की समय सीमा अब 15 अक्टूबर 2022 है, जिसके बाद इसे किसी भी उत्पाद को आयात या स्थानीय रूप से उत्पादन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जिसमें E171 शामिल है। कतरी बाजार में पहले से मौजूद उत्पाद जिनमें E171 है, उन्हें इस विशिष्ट तिथि तक हटा देना होगा।
GCC के सभी देशों में जिसमे सात देश सदस्य हैं ने भी इसके प्रतिबंध  काम शुरू कर दिया है। इन सब के बावजूद भारत में  टाइटेनियम डाई ऑक्साइड को लेकर एक चुप्पी देखी जा सकती है।  जिसकी वजह इसके उपयोग करने वाली इंडस्ट्री का दबाव है। 

 टाइटेनियम डाई ऑक्साइड दैनिक उपयोग के खाद्य व औषधीय साधनो में उपयोग किये जाते है। जिसमे नूडल्स ,आईसक्रीम ,डेयरी उत्पाद,आटा ,व कई तरह के मसालों के रंग और रूप के लिए ,टूथपेस्ट ,औषधीय टेबलेट ,टेलकम पॉउडर फेस क्रीम, कॉस्मेटिक ,या किसी भी तरह के सफ़ेद रंग सम्बन्धी खाद्य व औषधीय सामग्री में  टाइटेनियम डाई ऑक्साइड का उपयोग होता है। और इतने व्यापक उपयोग के बाद इसे प्रतिबंधित करने से इंडस्ट्री को व्यापक रूप से चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। 

यही कारण है की 2 बी कैंसरकारी इस तत्व को लेकर सरकार व खाद्य ,औषधी व कॉस्मेटिक नियमन संस्थाएं चुप है।  और मिडिया को भी इस मुद्दे को लेकर जानकारी देने की मनाही है। 

 टाइटेनियम डाई ऑक्साइड को खतरनाक खाद्य अवयवों में माना जाता है।  इसके बावजूद इसकी दैनिक मात्रा व अधिकतम मात्रा को लेकर कोई निर्देश नहीं है।  हालाँकि औपचारिक रूप से इसे प्रतिबंधित तो किया गया है।  लेकिन सिर्फ कागजी आदेशों में। इसके उलट िका उपयोग धड़ल्ले और बेखौफ हो कर किया जा रहा है।  जो  की आपके कई सवालों के जवाब दे सकता है ,जैसे मुझे कैंसर क्यों हुवा ?  

अब तक कई शोध और अध्ययनो में यह साबित किया जा चूका है की  टाइटेनियम डाई ऑक्साइड कैंसरकारी व कई साँस व ह्रदय रोग का एक करक तत्व है।  इसके बावजूद भारत सरकार व सरकारी एजेंसियों की चुपी। देश के नागरिको के लिए खतरे की घंटी के सामान है। 

अब जनता के ही हाथ में है की वो ऐसे पदार्थो का सेवन न करे जिसमे  टाइटेनियम डाई ऑक्साइड या E -171 का उपयोग हुवा हो।  अपने प्रोसेस फ़ूड की सामग्री सूची पढ़े। तथा खुली सफ़ेद खाद्य वस्तुओ से बचे जैसे दूध ,दूध की मिठाई ,केक आदी। सरकार आपको निशुल्क स्वास्थ्य बीमा दे सकती है। निशुल्क दवाये व इलाज भी दे सकती है।  लेकिन एक उत्तम स्वास्थ्य स्वयं आपके हाथो और सूझबूझ पर निर्भर करता है। 

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