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भारत में बढ़ रहे वैकल्पिक चिकित्सा के ठग। 

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गंभीर रोगों से ग्रस्त रोगियों को स्वास्थ्य लाभ के नाम पर ठगी 

 
भारत में कई तरह की ठगी होती रहती हे। ये ठग आपको सिर्फ आर्थिक नुकसान ही पंहुचा सकते है। लेकिन अब देश में स्वास्थ्य के नाम पर ठगी खुलेआम चीख चिल्लाहट के साथ हो रही है। और जिम्मेदार एजेंसियां और सरकार चुप है 

कल्पना कीजिए कि  आपको आपके मरने का कारण और दिन या महीना मालूम हो तो आपका जीवन कैसा हो जायेगा। हमारे देश में कैंसर ,किडनी व लिवर खराबी के करोड़ों मरीज है। जिनका जीवन और मृत्यु तय समय पर निश्चित है। पुरानी एक फिल्म “आनन्द “में आनंद के जीने के तरीके को अपनाया जा  सकता है  बशर्त ये की आनंद के राजेश खन्ना की तरह आवारा या अनाथ हो।

भारत में हर कोई अपना परिवार रखता है यहाँ तक की अनाथ भी शादीशुदा हो कर अपना परिवार बसा ही  लेता है। ऐसे में तय मृत्यु से उसके कुछ दिन बढ़ा लेने की कल्पना उसे ठगो की ओर ले जाती है। जिसके विज्ञापन ही किसी परी कथा की तरह होते है कोई आपको जीरो वाल्ट करंट से आपकी किडनी चालू करने या फल सब्जियों की डाइट से या कोई रसोई के ही घरेलु उपाय से आपका कैंसर या लिवर किडनी फिर से चालू करने के दावों के साथ मरीज को ठगने तैयार बैठे रहते है।

अपने देश में कहावत भी है की” रोगी और भोगी होते ही ठगने के लिए है”
देश के किसी भी कोने में चले जाए शहर की सीमा शुरू होते है ही दीवारों पर आपको गुप्त रोगों, कैंसर व लीवर के मरीजों के शर्तिया इलाज के विज्ञापन दिखने शुरू हो जाते है।और सोशल मीडिया पर ऐसे कथा कथित चिकित्साचार्य बैठे है जो हर प्रकरण या प्रकार से मरीजों को आकर्षित करने में कोई कसर बाकी नहीं रखते है।चिकित्सा विज्ञान में एलोपैथी की भाषा में ये एलोपैथी के नुकसान बता कर अपनी बूटियां या आयुर्वेदिक दवाओं का या किसी खास तरह की वैकल्पिक चिकित्सा को अपना बता कर बेचने और ठगने का काम शुरू कर देते है।


लेकिन इनसे ठगे हुवे लोग कोई शिकायत नहीं करते क्यों की उनमें से अधिकतर तो इसे ईश्वरीय सजा के तौर पर लेते है और कइयों के पास इतना समय ही नहीं बचता की वो ठगी के बारे में सोच पाए या कुछ कर पाये। ऐसे में ऐसे मरीज जिनकी मृत्यु समीप है उनको आखरी दिनों में भी ठग लिया जाता है।

आमतौर पर इनके गौरख धंधो को लेकर प्रशासनिक स्वयं से कोई कार्यवाही नहीं करता और शिकायत करने पर पीड़ित को ही हड़काने  लगता है।ऐसे में इन ठगो का कामकाज बिना किसी रोक टोक के धड़ल्ले से होता रहता है।
फ़ूडमेन ऐसे ठग प्रवर्ति के चिकित्साचार्यो का विरोध करता है तथा इनके लिए साक्ष्य जुटाने में लगा हुया है। प्रताड़ित रोगी या उनके परिजन हमें लिख सकते हैं।

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1 Comment

  1. J. K. Pandey

    15 February 2024 at 11:30 pm

    रीवा मध्य प्रदेश मे निजी एम्बुलेंस संचालक और उनके नॉन टेक्निकल चिकित्सा दल मिलकर मरीजों को लगातार ठग रहे हैं लेकिन कोई जांच नहीं हो रही

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