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सरंक्षित सूखी भिंडी की सब्जी खाने से 2 बच्चो की मौत व 3 गंभीर प्रतापगढ़ (राजस्थान ) फ़ूडमेन
न्यूज़ पर व्यूज
पिछले हफ्ते ही प्रतापगढ़ के पीपलखूंट के गांव मांडल जेल के एक ही परिवार के 2 बच्चो की मौत फ़ूड पोइज़निंग से हो गई व अन्य परिवार के सदस्यों में 3 लोग गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं । घटना की जाँच पड़ताल में सामने आया की परिवार ने दोपहर को भिंडी की सब्जी खाई थी। फिर धीरे धीरे बच्चे फिर बड़े उल्टिया करने लगे जिसके चलते सभी को अस्पताल भर्ती करवाया गया। दुर्भाग्य से दो मासूम बच्चों की जान नहीं बचाई जा सकी व तीन अन्य की भी जान मुश्किल से बच पाई है।
कसूरवार “भिंडी “
ऐसा कैसे हो सकता है की भिंडी जो की सभी खाते है अचानक से एक परिवार का काल कैसे बन गई ?
ज्ञात समाचारों में भिंडी को एक साल पहले सूखा कर संरक्षित करने का बताया जा रहा है। राजस्थान में सब्जियों को सूखा कर सरंक्षित की जाती रही है। ऐसे में कई बार लापरवाही जैसे नमी का रहना या संरक्षण बर्तन में नमी का आ जाना आदि से सरंक्षित सब्जियों में मौजूद अफ्लाटॉक्सिन ( फफुंदीय जहर ) बहुत ज्यादा मात्रा में पहुंच जाता है। जिससे फ़ूड पॉइजनिंग होती है। कोल्ड स्टोर की लापरवाही व तापमान के अस्थिर रहने की स्थिति में भी फफुन्दीय जहर की मात्रा बढ़ जाती है
भिंडी भी एक ऐसी सब्जी है जिसे पकने से पहले तोड़ लिया जाता है। क्योंकि पकने के बाद भिंडी खाने योग्य नहीं रहती है। तथा भिंडी के छिलके के ऊपर नरम रेशे पाए जाते है। जो भिंडी को कीट पतंगों से बचाने का काम करता है वही कच्ची सब्जी व फलों में अपने आंतरिक सुरक्षा प्रणाली भी होती है।
जो जहरीली होती है ताकि पौधा अपने फल को पूरी तरह पका सके व उसके बीज सुरक्षित रहे। फल का बीज पूर्ण हो जाता है तो फल में जहर की मात्रा कम हो जाती है ताकि इसे अन्य जीव खा सके और पौधे के बीजो का प्रसार हो सके। भिंडी को कई बार बहुत ही कच्ची तोड़ ली जाती है इससे उसके आंतरिक रक्षा प्रणाली के जैविक जहर कम नहीं हो पाते। यह भी अन्य वजहों में से एक है।
सब्जियों के भंडारण और यातायात में भी सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए कई हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल होता है जिसे बिना किसी अनुभवी व्यक्ति की निगरानी के मन चाहे आधार पर सब्जियों पर लगा दिया जाता है। वही सब्जियों के यातायात में कोई स्पष्ट कानून नहीं है। किसान मंडी तक लाने ले जाने में कई बार खेतो में इस्तेमाल होने वाले या अन्य जहरीले रसायनों को भी साथ में रख लिया जाता है। जिससे इन जहरीले रसायनो सब्जियों में लग सकते है।
फ़ूडमेन अपने पाठको को सचेत करता आया है व सचेत करता रहेगा।
फ़ूडमेन घटना स्थल पर नहीं गया है और नहीं कोई फॉरेंसिक रिपोर्ट मिली है जिसके आधार पर उक्त शंका की पुष्टी हो सके। लेकिन जो सम्भावना है उसे व्यक्त किया गया है।