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“चमत्कार” इंडिया गेट बासमती चावल रिकॉल !
सवाल -इंडिया गेट बासमती चावल स्वतः रिकॉल किया गया या करवाया गया ?
चमत्कार।जी हाँ चमत्कार हो गया। इंडिया गेट बासमती चावल रिकॉल किया गया !वो भी कम्पनी द्वारा !भारत जैसे देश में किसी फ़ूड कम्पनी द्वारा उत्पाद रिकॉल किया गया हो। अब तक के इतिहास में ना हमने सुना ना देखा !
खैर ख़ुशी राम बिहारी लाल लिमिटेड (K.R.B.L.)ने अपने उत्पाद इंडिया गेट बासमती चावल राइस फीस्ट (दावत ) रोजाना सुपर वैल्यू पैक (10%एक्स्ट्रा ) के 1.1 किलो कीटनाशकों की अधिकता के चलते बाजार से रिकॉल कर लिए है। इंडिया गेट बासमती चावल में थियामेथोक्सम और आइसोप्रोथिओलेन आदि कीटनाशक मानक मात्रा से अधिक पाए गए है,जिसे अब बाजार से रिकॉल किया गया है। कंपनी ने आधिकारिक रूप से जानकारी देते हुए उपभोक्ताओं को अपने उत्पाद
इंडिया गेट बासमती चावल दावत रोजाना सुपर वैल्यू पैक
वजन -1.1किलो
बेच संख्या B-2693 (CD-AB(DC-SJ) (BL 6)
पैकिंग डेट -जनवरी 2024
बेस्ट बिफोर डेट -दिसंबर 2025
को बाजार से वापस ले लिया है।
फ़ूडमेन सवाल
K.R.B.L. ने खुद से रिकॉल किया या किसी जांच एजेंसी के दबाव में रिकॉल किया ?
K.R.B.L. की खुद की लैब में चावलों का परीक्षण क्यों नहीं किया ?और अगर किया तो फिर बाजार में अपना उत्पाद क्यों उतारा ?
चावल कहाँ से लिए गए थे ?
FSSAI ने अब तक क्या कार्यवाही की है या भविष्य में क्या कार्यवाही करेगी ?
रिकॉल चावलों का क्या किया जायेगा ?
रिकॉल चावलों का क्या किया जायेगा ?ये एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। क्यों की किसी भी जांच एजेंसी ने चावलों को जब्त नहीं किया है।ये रिकॉल का चावल पुनः कम्पनी के पास ही है।क्या कम्पनी चावल नष्ट करेगी या पुनः किसी और माध्यम से बाजार में ही बेच देगी। थियामेथोक्सम ऐसा कीटनाशक है जो पौधो की जड़ो से पराग तक में फैला होता है। इसे धोकर निकलना असंभव है। ये भी महत्वपूर्ण प्रश्न है की K.R.B.L. कम्पनी कोई मामूली चावल छिलने की मिल या फैक्टरी नहीं अपितु एक बड़ी कॉर्पोरेट कम्पनी है। तथा एक्सपोर्टर भी है। कंपनी के पास हाईटेक लैब है। तो कम्पनी को चावलों में मानक से ज्यादा कीटनाशक होने का पहले पता क्यों नहीं चल पाया या जानबूझकर लापरवाही की गई ?
हमारे देश में खाने पीने की चीजों को लेकर कोई खास जागरूकता नहीं है। ऐसे में कीटनाशकों की अधिकता लिए ये चावल किसी भी अन्य शहर गांव में बिकने को भेजे जा सकते है। साथ ही कम्पनी ने यह भी नहीं बताया की ये चावल कहाँ से आये है। ताकि ऐसे चावलों की खेप को बाजार में जाने से रोका जाये। वैसे ये हमारे देश में संभव भी नहीं है। हर रोज ऐसे ही खाद्य पदार्थ हमारे बाजारों में भरे रहते है। जो जनता को बीमार से गंभीर बीमार किये जा रहे है। FSSAI जिसके जिम्मे हमारे खाद्य पदार्थों की सुरक्षा का जिम्मा है। वो FSSAI कॉरपोरेट की कठपुतली बन कर बहुत ही बेशर्मी से इवेंट इवेंट का खेल खेल रही है।बस !