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हाइड्रोजन वाटर ,नया शिगूफा

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हाइड्रोजन वाटर को बताया जा रहा है चमत्कारी। 

हाइड्रोजन वाटर बाजार में नया शिगूफा है। पानी को लेकर पहले भी कई तरह प्रणाली व मशीने बाजार इ उपलब्ध है। अल्कलाइन पानी अल्कलाइन आइओनाइज़र ,आर ओ सिस्टम ,और वाटर प्योरिफायर आदि। 

हाइड्रोजन वाटर क्या है 

हाइड्रोजन वाटर में सामान्य पानी में अतिरिक्त हाइड्रोजन गैस मिलाने से बनता है इसके लिए कई विधियां और पद्धतियों की मशीने बाजार में उपलब्ध है।ऐसा माना जाता है तथा बताया जाता है की हाइड्रोजन वाटर से शरीर में कई तरह के फायदे होते है। तथा खिलाड़ियों व बुजुर्गो को सेहत सुधारने और सेहतमंद बने रहने के लिए फायदेमंद बताया जाता है। हालाँकि अभी तक हाइड्रोजन वाटर के फायदों को लेकर कोई वैज्ञानिक दावे सामने नहीं आये है। ये अभी सिर्फ मान्यताओं के आधार पर ही इसे फायदेमंद बताया जाता है। 

हाइड्रोजन वाटर फ़िलहाल यूरोप और अमेरिका में ही बेचा जा रहा है। लेकिन भारत में भी इसकी जल्दी आने की सम्भावना है।लेकिन इसकी मशीने महंगी होने के कारण भारत में इसका व्यापार सिर्फ पूंजीपति वर्ग तक ही सीमित रहेगा। 

इससे पहले भी अल्कलाइन वाटर को लेकर कई तरीके से इन मशीनों का विज्ञापन व विपणन हुवा है। लेकिन भारत में ये अधिकांश विफल ही रहा है। 

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कई कम्पनियो ने अल्कलाइन वाटर की मशीनों की बिक्री के लिए अलग अलग कार्यक्षेत्र में इसे बेचने की कोशिश की है। लेकिन अधिकतर विफल ही रहे।जिसका सबसे बड़ा कारण इन तकनिकी मशीनों के दावे कभी प्रामाणिक रूप से सिद्ध नहीं रहे। मात्र मान्यताओं पर ही इनके उपयोग व लाभ को साबित किया गया। कोई वैज्ञानिक शोध व रिपोर्ट का सन्दर्भ नहीं दिया गया।

अल्कलाइन पानी को लेकर कई आयुर्वेद के तथा कथित बाबा व योगाचार्य ने भी अपनी ही किस्म के अल्कलाइन पानी बनाने के घरेलु उपाय से लेकर अपने उत्पादों को बाजार में बेचने की कोशिश करते रहते है। कुछ लोग खीरा निम्बू व अन्य सब्जियों से पानी को एल्कलाइन करने का दवा करते है। वहीं कुछ लोग अपने उत्पाद की चंद बुँदे पानी में मिला के पानी को एल्कलाइन करने का दावा करते है। जबकि एल्कलाइन पानी के गुणों और स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर कोई वैज्ञानिक शोध या प्रमाण नहीं है। बल्कि इसके नुकसान जरूर सामने आ रहे है।

ऐसे ही भारतीय बाजार में आर ओ टेक्नोलॉजी को भी उतारा गया। लेकिन इसके भी दुष्परिणाम सामने आ गए। और मध्यम वर्ग ने इसको नकार दिया। 

पीने के पानी को लेकर कई प्रयोग हुवे। लेकिन इसको बाजारवाद में बदला नहीं जा सका।  आज भी अधिकतर भारतीय पीने के पानी के लिए सरकारी पानी को ही महत्व देते है ,कुछ सजक व बीमारियों से ग्रसित लोग आज वाटर प्यूरीफायर व बहुत ही कम लोग आर ओ को महत्व देते है। 

ऐसे में भारत के अतिपुंजीवादी वर्ग को छोड़ कर हायड्रोजन वाटर की मशीनों और प्रावधानों पर किसी का ध्यान नहीं जायेगा। 

जीवन के लिए पानी जरुरी है। लेकिन कौनसा पानी लाभदायक है। यह सवाल सिर्फ आर्थिक स्थिति को देख कर ही दिया जाता रहा है। 

भारत में जहां अशुद्ध पानी और पानी न होने की समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में यूरोपीय बाजार के चोचले भारतीय बाजार में नहीं बिक सकते। फिर भी पानी के नाम पर धोखे की मशीनों का अपना अलग बाजार भारत में है। 

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  नागरिक पीने के पानी की श्रेष्ट गुणवत्ता के साथ पीये  ये जिम्मेदारी राज्य सरकार व केन्द्र सरकार  की प्राथमिक जिम्मेदारियों में से एक है। सरकार किसी भी पार्टी की हो स्वच्छ पानी देना सरकार की प्राथमिक कर्तव्यों में से एक है। 

आज देश के कई भागों में पीने का पानी उपलब्ध नहीं है। लोग दूषित पानी पीने के लिए मजबूर है।देश के कई जिलों में हालात बहुत ही ख़राब है। 

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