समाचार (देश/विदेश)
महंगे फोन के लिए खाद्य अधिकारी ने बहाया लाखो लीटर पानी
“कंगाली में आटा गीला” तो आपने सुना होगा। लेकिन अमीरी में डाटा गीला हो जाये तो दोनों ही स्थिति में समान प्रतिक्रिया होगी।ऐसा ही हादसा छत्तीसगढ़ के कांकेर के खाद्य अधिकारी राजेश विश्वास के साथ हो गया ,जब वो एक डेम के हिस्से में किसी सरकारी घुमाई घूमते घूमते विभागीय सेल्फी का मन बना चुके साहब के हाथो से किसी खाद्य मिलावट के मामले की तरह अपना कीमती और विभागीय जानकारियों से युक्त मोबाईल फोन को गलती से डेम में गिरा दिया।
अब साहब की हनक थी की तुरंत ही स्थानीय गोताखोरों और ग्रामीणों की मदद से मोबाइल खूब छाना लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। अगले दिन 30 एचपी के मोटर पम्प के साथ साहब डेम में पहुंचे और करीब करीब 21 से 22 लाख लीटर पानी डेम से बहा दिया। इतना पानी बहाने में चार दिन लगे। और चार दिन तक मोटर पम्प में डीजल और डेम से पानी बहता रहा । लेकिन कर्तव्य निष्ठ साहब ने मोर्चा नहीं छोड़ा। डेम के आस पास की सुखी झाड़ियों के लिए साहब किसी ईश्वरीय निमित से ही डेम पहुंचे। ये भी ईश्वरीय कृपा रही की साहब भाखड़ा नांगल डेम सरकारी घुमाई के लिए नहीं गए। डेम के आसपास की झाड़ियों को साहब के साथ साथ सिंचाई विभाग वाले साहब का भी धन्यवाद किया।लेकिन जैसे ही खबर मिडिया तक पहुंची तो जलदाय विभाग हरकत में आया और ये कृपा क्रम बंद हुवा। वैसे भी जलदाय विभाग साहब और खाद्य विभाग वाले साहब का आपसी रिश्ता भाईचारे और विभागीय सामंजस्य का जीता जागता उदाहरण है।
हालात का जायजा लेते हुए और जिला कलेक्टर डॉ.प्रियंका शुक्ल ने पानी व्यर्थ बहाने के लिए साहब को निलंबित कर दिया तथा जल संसाधन सीईओ को भी कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया है।
फ़ूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास का निलंबन इलाके में चर्चा का विषय बना हुवा है। साहब के मांगे शौख पहले से ही इलाके और खाद्य विभाग में चर्चित है।
गौर करने वाली बात ये है की खाद्य इंस्पेक्टर ने अपने बचाव में ये कहा की फोन में विभागीय जानकारियां थी इसलिए उनको ऐसा करना पड़ा। यानी की वो जानकारिया अब विभाग के पास नहीं है। यह भी एक तरह से जाँच का विषय होना चाहिए था।