कंज्यूमर कार्नर
खाद्य निवेश
खाद्य निवेश -अपने और अपने परिवार के लिए जरूर करे
खाद्य निवेश से हमारा मतलब खाद्य उधोग में निवेश से नहीं बल्कि खुद के और अपने परिवार की खाद्य जरूरतों के साधनों में खुद से किये जाने वाला निवेश है। भोजन के साधन जैसे गेहू चावल दाल सब्जियां आदि जैविक और साफ सुथरे वातावरण में बिना किसी हानिकारक रसायन के उपयोग में लाये जाये। जिससे हानिकारक भोजन से होने वाले दुष्प्रभावों को कम किया जा सके। और जीवन बिना किसी जीवनव्यापी बीमारी या शारीरिक पीड़ा के गुजारा जा सके। आइये समझते है खाद्य निवेश को फ़ूडमेन के नजरिये से
- अपनी फसल खुद उगाकर खेती- खाद्य निवेश
- जमीन या खेत को लीज पर लेकर खेती-खाद्य निवेश
- किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट खेती करवाना-खाद्य निवेश
- किचन गार्डनिंग और टेरेस गार्डनिंग से खाद्य निवेश करना
- प्रमाणित जैविक उत्पाद खरीद कर खाने की वस्तुएं खरीदना-खाद्य निवेश
(1) अपनी फसल खुद उगा कर -अपनी फसल खुद से उगाने से मतलब है की या तो आप किसान बनो जो अपने परिवार के लिए ही खेती करे। या आप के पास बहुत पैसा है तो आप अपना ही खेत खरीद कर उसके किसानों और मजदूरों द्वारा जैविक खेती करवाये और अपने परिवार को शुद्ध जैविक भोजन उपलब्ध करवाये। ये सुनने में आम लोगो के लिए असंभव जैसा लगता है। लेकिन कई पूंजीपति परिवार बड़े अधिकारी जो सम्पन है। वो गावो में या शहर के आसपास के इलाको में जमीन खरीद कर खाद्य निवेश कर अपने परिवार के लिए खेतो और पशुपालन करवा रहे है। और अतिरिक्त फसल व डेयरी उत्पाद बाजार में बेच रहे है।
(2 ) जमीन या खेत को लीज पर लेकर खेती -यह तरीका भी ऊपर दिए तरीके जैसा ही है खाद्य निवेश के लिए । लेकिन इसमें जमीन या खेत को कुछ समय के लिए किराये (लीज} पर लिया जाता है।आज भी कई भूपति व किसान है जो अब खेती से दूर हो चुके है। तथा अपने खेत काश्तकारों को लीज पर देते है। अब ऐसे कई परिवार है जो खेत या जमीन लीज पर लेकर अपने परिवार के लिए मजदूरों और काश्तकारों को वेतन या मजदूरी के अनुसार खेती करवा रहे है।
दिल्ली में ही कुछ परिवार या हाउसिंग सोसायटी के परिवार सामूहिक खेती करवा रहे है। और जैविक भोजन के अवयवों के साथ जीवन यापन कर रहे है।
(3) किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट खेती -कई मध्यम वर्गीय परिवार किसी भी तरह से खेती नहीं करवा सकते। वो सीधे ही किसानों को जैविक फसल उगाने व उपज को खरीदने के लिए समझौता या कॉन्ट्रेक्ट खेती करवा रहे है खाद्य निवेश के लिए । ये तरीका सभी तरीको से उत्तम है। इससे न केवल आपको शुद्ध जैविक फसल मिल जाती है किसानों को भी फायदा और जैविक फसल लगाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
(4 ) किचन गार्डनिंग व टेरेस गार्डनिंग – अगर आपके पास मकान के अलावा अतिरिक्त जमीन उपलब्ध है। तो वह पर भी सब्जियाँ आदि लगाई जा सकती है खाद्य निवेश के लिए । अधिकतर शहरो में अतिरिक्त जमीन पर सजावटी पेड़ पौधो को लगा देखा जा सकता है। ऐसी जमीन पर भी सब्जिया आदि उगाई जा सकती है। यकीन मानिये इन सब्जियों के पौधे और बेले किसी भी सजावटी पेड़ पोधो से कम खूबसूरत नहीं होती है। ठीक इसी तरह जिनके पास जमीन न हो तो वो अपने घर की छत या उपलब्ध बालकनी में भी कई तरह की सब्जिया उगा कर थोड़ा ही सही लेकिन खाद्य निवेश कर सकते है।
प्रमाणित जैविक उत्पाद खरीद कर – भागदौड़ के इस जीवन में समय का आभाव सभी के पास है। ऐसे में जैविक उत्पाद खरीद पाना मुश्किल है। और कई जगह जैविक बता कर साधारण उत्पाद बेचे जाते है। ऐसा नहीं हे की सभी जैविक उत्पाद बेचने वाले धोखा ही करते है। सरकार ने भी अब बिना प्रमाणित किसी भी उत्पाद पर जैविक लिखने के नियम सख्त कर दिए है। ऐसे में कई अच्छे और प्रमाणित जैविक उत्पाद बाजार में उपलब्ध है। जो साधारण उत्पादों से थोड़े महंगे जरूर है। लेकिन भविष्य में होने वाली जीवनशैली रोगों के विरुद्ध एक अच्छी रणनीति है।
खाद्य निवेश हर कोई अपनी अपनी तरह से कर सकता है। कुछ लोग समय और मेहनत दे कर ये निवेश अपने और अपने परिवार के लिए कर सकते है। तो कुछ लोग पैसा लगा कर ये निवेश कर सकते है। अगर देखा जाये तो खाद्य निवेश या खाने पीने की वस्तुओ को जैविक विकल्प को लिया जाये तो एक छोटे परिवार के लिए ये 2 से 3 हजार रु का अतिरिक्त खर्च हो सकता है। लेकिन दूरदृस्टि से देखा जाये तो भविष्य में जिन बीमारियों की दवा का खर्च 3 से 5 हजार रु के साथ साथ शारीरिक पीड़ा प्रति व्यक्ति की रोकथाम की जा सकती है।तथा एक अच्छे जीवन को जिया जा सकता है।
भूषण ताले
6 August 2023 at 7:57 am
Good हमे आपने खेत मे करना हैं
Pingback: जैविक खेती की और अग्रसर भारतीय युवा उद्यमी - Foodman
Shriram patil
10 August 2023 at 12:12 pm
Organic farming is most important for our health.