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खाद्य अपराध ,मिलावट और सोता ग्राहक

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मिलावट पर उपभोक्ताओं की उदासीनता 

भारतीय नागरिको में खाद्य अपराधों को लेकर कोई विशेष संवेदनशीलता नहीं है। अधिकतर लोग 100 -50 रूपए की धोखाधड़ी के पचड़े में पड़ना ही नहीं चाहते। त्वरित चीख चिल्लाहट और देख लेने की धमकी के साथ ही खाद्य धोखाधड़ी की इतिश्री हो जाती है।
क्योकि सबसे पहले तो कोर्ट कचहरी के चक्करो का हौवा जो आम नागरिक के मन में है वो काम करता है। दूसरा आम जनता की जाग्रति की कमी के अँधेरे से पनपे माफियाओ की धमकियों से बची हुई लड़ने की इच्छा का भी दमन हो जाता है।

एक और विशेष कारण मीडिया का विज्ञापन जीवी होना है। अधिकतर खाद्य मिलावटखोरों के विज्ञापनों से ही मीडिया वालों की रोजी रोटी चलती है। जिसकी वजह से खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यवाही में किसी भी फर्म या दुकान के नाम के बिना खबरें दिखाई जाती है। यानी कि मीडिया द्वारा खाद्य अपराधियों को छुपा लिया जाता है। अदालतों में मामले लम्बे जरूर हुवे है लेकिन अपराधियों को उचित सजा मिली है

महराजगंज (यू .पी.) अप्रैल 2022 को 23 साल बाद दूध में यूरिया की मिलावट करने के अपराधी की सजा का फैसला अदालत ने दिया जिसमे अपराधी को आजीवन कारावास और 20 हजार का जुर्माना लगाया गया।
गाजियाबाद (यू .पी.) जून 2022 एडीएम कोर्ट ने खाद्य मिलावट के चलते 29 व्यापारियों पर 16.55 लाख का जुर्माना लगाया गया।


जोधपुर ( राजस्थान ) जुलाई 2022 खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के अंतर्गत घी में मिलावट व मसालों में मिलावट के अपराधियों को 6-6 महीने का कारावास व आर्थिक दंड भी दिया गया।
बलिया ( यू पी ) में मिलावटी सामान बेचने वाले व्यापारी पर एएमडी कोर्ट ने 12.50 लाख का आर्थिक दंड लगाया
इंदौर ( एमपी.) अगस्त 2022 में खाद्य व औषधि विभाग द्वारा 122 फर्मो पर मिलावट पकडे जाने पर सवा करोड़ रु वसूले गए
भीलवाड़ा ( राजस्थान ) 29 सितम्बर को एएमडी कोर्ट द्वारा घी में स्टार्च की मिलावट को लेकर 3. 65 लाख का जुर्माना लगाया गया।

उपरोक्त उदाहरण ये दर्शाते हैं कि मिलावट खोर कानून से बच नहीं सकते। जरूरत है जनता और आम आदमी की मिलावट विरुद्ध जागृति का। खाद्य मिलावट समाज के लिए संक्रमण की तरह है। जिस पर आम जनता की जागृति सामूहिक प्रतिकूलता ला सकती है। फ़ूडमेन व फ़ूडमेन की तरह अन्य संस्थाए भी समाज अपने प्रयासो से मिलावट के विरुद्ध डट कर खड़े है। जरुरत है समाज के मिलावट के विरुद्ध सक्रीय होने की।

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