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त्योहारों पर नकली शराब पीने का मौका दे रही बिहार सरकार
बिहार पुलिस ने पकड़ा नकली शराब का कारखाना।
नकली शराब असली शराब पर भारी
जैसे नकली लोग असली पर भारी।
नकली दूध, नकली घी, नकली मसाले, नकली तेल, नकली दवा और अब नकली शराब त्यौहार के मौके पर बाजार में बिकने के लिए तैयार हो चुकी है।
ये अब बाजार की सच्चाई बन चुकी है। नकली माफिया आम लोगों को वस्तुओं को असली बना कर बेचने में कामयाब हो चुका है।

हाल ही में 17 मार्च को बिहार की राजधानी पटना के बाढ़ अनुमंडल में नकली शराब बनाने वाले गिरोह पर छापेमारी में नकली शराब के साथ ब्रांडेड शराब की बोतले व लेबल बरामद किये गए।
हालाँकि पुलिस ने अपनी कार्यवाही करते हुए अपनी सजगता तो दिखायी, लेकिन लगभग अपराधी अँधेरे का फायदा उठा कर फरार हो गए। जैसे कि हमेशा हो जाते हैं।घटना, कार्यवाही और अपराधियों का फरार हो जाना देश के हर कोने की कहानी है।
फ़िलहाल पुलिस ने नकली शराब के कारखाने से नकली शराब बनाने वाली सभी सामग्री जप्त कर ली है। एएसपी अपराजित लोहान ने कारवाही के बाद नकली शराब बनाने वाले माफियाओ की कमर टूट जाने तक का दावा किया है।

लेकिन सोचने वाली बात ये है की बिहार में शराबबंदी है। इसके बावजूद शराब पीने वालो को शराब उपलब्ध करवाने के लिए माफिया कितना सक्रिय है।
ये बिहार सरकार के मंत्रियों से अभयदान लिए हुए थे और हाल ही में सरकार के बदलते ही माफियाओं की भी अदला-बदली हुई।
सिर्फ बिहार में ही नहीं सम्पूर्ण भारत में ऐसे ही नकली शराब बनाने के गिरोह सक्रिय है। जो अलग अलग राज्यों में सरकारों के ही मंत्रियों के अभयदान के चलते सक्रिय हैं। या कहें कि प्रशासन व पुलिस विभाग द्वारा अभयदान प्राप्त किये हुए हैं।
आमतौर पर मध्यम वर्ग के शराबियों को ही लक्षित करके उनके ब्रांड की शराब में मिलावट की जाती है। 100,200,500 रू के ब्रांडों को ही टारगेट किया जाता है।
मिलावट के खेल में असली में नकली शराब को मिलाकर मुनाफा कमाया जाता है। वैसे भी शराब पीने वाले लोग न तो कभी दाम बढ़ने या मिलावटी शराब होने की शिकायत कभी नहीं करते।
बस यदि नकली शराब जहरीली हो जाये और ज्यादा लोगो की मौत हो जाये तो प्रशासन हरकत करता दिखने की कोशिश करता है, राजनीति होती है, लेकिन शराबियों को इंसाफ नहीं मिलता।
खाद्य सुरक्षा एजेंसियों में बैठे अधिकारी इतने निर्लज्ज और जी हजूरी में व्यस्त हैं, सिर्फ मन हल्का करने के लिए उनको सिर्फ गालियां ही दी सकती है।लेकिन काम करने की उम्मीदे नहीं की जा सकती।