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बिसलेरी ब्लंडर ,नकली जीरा फ्लेवर 

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फलता फूलता नकली जीरा फ्लेवर का बाजार। 

 बिसलेरी  इंडस्ट्री बिकने की खबर ने बाजार को गरमाये रखा .तथा बाद में कंपनी अपनों के हाथो में ही रही। अब हाल ही में बिसलेरी भी सोडा इंडस्ट्री में भी अपना पांव रखा है।बिसलेरी सोडा के कई फ्लेवर के साथ बाजार में उतरी। लेकिन  बिसलेरी स्पाइसी जीरा सोडा के लेबलिंग में  FSSAI के नियमो और दिशानिर्देशों की अनदेखी पायी गई है। 

सबसे जबरदस्त अनदेखी यह रही की लेबल के फ्रंट में जहा बड़े बड़े अक्षरो में स्पाइसी जीरा लिखा है। और लेबलिंग के पीछे की तरफ इंग्रीडिएंट्स की सूची में जीरा है  ही नहीं। जो की FSSAI के नियम के अनुसार भ्रामक है। साथ ही foodइंग्रीडिएंट्स  लिस्ट में कॉमन साल्ट यानी की साधारण नमक लिखा पाया गया। जबकि साधारण नमक प्रोसेस फ़ूड में उपयोग करना तथा बेचना भारत में प्रतिबंधित है। सिर्फ आयोडाइज नमक ही बेचा या प्रोसेस फ़ूड में उपयोग लाया जा सकता है। 

ऐसा नहीं है की सिर्फ बिस्लेरी स्पाइसी जीरा सोडा में ही यह भ्रामक लेबलिंग देखी गई है। लगभग सभी एक दो ब्रांड को छोड़ कर सभी जीरा सोडा में जीरा न हो कर जीरे के फ्लेवर काम में लिया गया है। तथा बेचा जीरा सोडा के नाम से ही है। 

हाल ही में देश भर में खाद्य सुरक्षा एजेंसियों ने छापे मार कर  नकली जीरा बरामद किया। 

ये नकली जीरा भी इसी सिंथेटिक जीरा फ्लेवर से बनाया गया था जो की नकली जीरे में असली जीरे की खुशबू देता है।गौरतलब है की नकली जीरा जिस जीरा फ्लेवर से बनता है। ये फ्लेवर FSSAI द्वारा मान्यता प्राप्त है। हाल ही में कीटनाशक व नकली मसालों को लेकर देशव्यापी अभियान चलाया गया था। इसी अभियान में नकली मसालों में जो भी सिंथेटिक फ्लेवर काम में  थे वो सभी फ्लेवर FSSAI द्वारा मान्यता प्राप्त है। तथा आसानी से बाजार या ऑनलाइन  उपलब्ध भी है। आप भी चाहे तो ऑनलाइन किसी भी नकली फ्लेवर को आर्डर कर सकते है व नकली मसालों के बाजार में कूद सकते है। 

विडम्बना ये है की फ्लेवर को किसी भी प्रकार के फ़ूड कोड या अंतरास्ट्रीय खाद्य पहचान नहीं दी गई है।  फ्लेवर को लेकर सिर्फ तीन ही श्रेणी है (1 ) नेचरल फ्लेवर जो सम्बंधित फल सब्जी या फूलो से प्राप्त हो (2 ) आइडेंटिकल जो प्राकृतिक या प्राकर्तिक जैसे स्रोत से लिया गया हो ,जैसे वनीला फ्लेवर के लिए ऊदबिलाव के गुद्दा के पास की ग्रंथि के स्त्राव को आइडेंटिकल वनीला फ्लेवर कहा जाता है। (3) आर्टिफिशल फ्लेवर यानि की शुद्ध रूप से कैमिकल से तैयार फ्लेवर जैसे डाइसीटल जिसकी खुशबु घी की तरह होती है जिसके चलते बाजार में नकली घी मख्खन आदि  की भरमार है। अधिकतर सड़क किनारे रेहड़ी पर और होटल्स में ऐसे ही नकली मक्खन का इस्तमाल कर ग्राहकों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जाता है। 

 नकली फ्लेवर के चलते नकली मसालों और अन्य खाद्य व पेय सामग्रियों का बाजार बहुत बड़ा है।  आम उपभोक्ता मात्र FSSAI और खाद्य नियमों के चलते ही सुरक्षित है। लेकिन कितना सुरक्षित है। ये नहीं कहा जा सकता है। नकली फ्लेवर के बाजार का अंदाजा इसी बात से लगा सकते है। की आइसक्रीम इंडस्ट्री और सोडा इंडस्ट्री बिना नकली फ्लेवर के कल्पना भी नहीं की जा सकती है।  नकली फ्लेवर को लेकर सरकार और FSSAI को संयुक्त रूप से कोई ठोस कानून या प्रावधान लाने के बारे में सोचना चाहिए। मात्र टैक्स  कलेक्शन से जनहित की उम्मीद  नहीं की जा सकती। 

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1 Comment

  1. Siddiqui

    21 June 2024 at 11:35 am

    फूड और ड्रग विभाग चोर है जो आज
    एफ एस एस ए आई के नाम से‌ जाना
    जाता है कारण दवाओं मे कोई उलट पलट
    करे दाम पर कोई कंट्रोल नहीं भारत की
    बेस्ट दवाई भारत में बैंड उसका एक्सपोर्ट
    धडल्ले से जो घटिया दवाऐं है वह भारत
    के लोग खा कर मर रहे कारण पैसे से
    और जान से हाथ धोना पड़ता है
    न तो सरकार जागरूक न विभाग
    इस से बुरा हाल कोल्ड ड्रिंक के दुनिया मे है
    में है कौन क्या डाल कर क्या मिलाकर कर
    बना कर मार्केट मे धड़ल्ले से बेचता बस
    कोई कंट्रोल नहीं चाहे सुगर की जगह
    घातक स्वीटनर ही क्यों‌ न हो मीठा
    है ठंडा है कोल्ड ड्रिंक बिक रहा है
    लेकिन कितने इंग्रीडेंट है सब डिटेल भी
    नहीं रहता बेरोजगार के ओनर को लगता
    उसकी रेसीपी सब को मालूम हो जाये गी
    तो क्या दवा कंपनी के‌ लोग बेवकूफ हैं
    जो लेबल कलेण्डर पर डिटेल दिए रहते
    हैं कोल्ड ड्रिंक के लेबल पर पूरा डिटेल्स
    होना चाहिए दूसरी बात एफ एस आई
    ए को चैलेंज है कार्बन डाइऑक्साइड
    100% शरीर के लिए‌ घातक है
    बल्कि फ्रूट जूस ही के उत्पादन की
    अनुमति देना चाहिए लेकिन भारत सरकार
    फिर 40% जी एस टी लगा कर लूटे गी
    कैसे?
    डबल्यू एच ओ आर्गनाइज़ेशन भी सब
    से बड़ा भ्रष्टाचारी है वरना कहीं कुछ
    भी गलत न होता!

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