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FSSAI की माने तो ,भारत खाद्य सुरक्षा में No.1 देश।
FSSAI ने देश में सभी खाद्य फ़ैक्ट्रिया एकदम सुरक्षित।
व्यंग्य .
FSSAI की माने तो भारत खाद्य सुरक्षा के मामले विश्व में No.1 देश है। तथा यहाँ की सभी खाद्य फ़ैक्ट्रिया FSSAI द्वारा निर्धारित सभी मानकों को मानते हुवे विश्व में सबसे ज्यादा सुरक्षित है।
यहाँ तक की अमेरिका और कई यूरोपीय देशो से भी तुलना करे तो भारत खाद्य सुरक्षा में विश्व गुरु है।
ये बात हम मजाक में नहीं कह रहे बल्कि अब तक के FSSAI के आंकड़ों और रिपोर्ट का आधार पर ही कह रहे है। 2015 में मैग्गी कांड यानी नेस्ले की मैग्गी नूडल्स में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG ) की अधिक मात्रा को देखते हुए 400 मिलियन मैगी के पैकेट बाजार से रिकॉल यानी बाजार से वापस करवा दिये गए थे। तब से FSSAI की मुश्तैदी के चलते आज तक किसी भी बड़े कॉरपरेट की हिम्मत ही नहीं हुई की वो FSSAI द्वारा निर्धारित मानकों और नियमो की अवहेलना कर सके। अपने सबसे बड़े रिकाल के बाद आज तक FSSAI द्वारा कोई बड़ा रिकॉल करने की जरुरत ही नहीं पड़ी।
जबकि इसके उलट विश्व शक्ति का दम्भ रखने वाले अमेरिका जैसे बड़े देशो में हर महीने खाद्य उत्पादो के 10-15 रिकॉल हो जाते है। यूरोपियन देशो में भी हर महीने किसी न किसी खाद्य उत्पाद को खाद्य संदूषको या उत्पाद में घोषित सामग्री के अलावा अन्य उत्पाद पाये जाने के कारण रिकॉल करना पड़ता है।
FSSAI हर साल त्योहारों पर या अपनी वार्षिक अभियान अभियानों में भी मसाले,खाद्य तेल,व मिठाई व दूध की सेम्पलिंग करती है। तथा अयोग्य नमूनों को फेल करके जुर्माना भी वसूल करती है।और इस सभी में आपको कॉर्पोरेट घरानों से जुड़े उत्पादों को शामिल नहीं किया जाता है। क्यों की FSSAI इतनी सख्ती से अपने तय मानकों को कॉर्पोरेट की फेक्ट्रियो में लागु रखती है की गलती की कोई गुंजाईश ही नहीं रहती है। और रिकॉल होने की सम्भावना शून्य हो जाती है। साल दर साल FSSAI न सिर्फ हजारो फ़ूड लाइसेंस जारी करती बल्कि साथ ही साथ खाद्य सुरक्षा के लिए नियमो में और भी कड़ाई से लागु करने के लिए दिन रात एक किये हुवे है।ताकि भूल से भी किसी नागरिक को फ़ूड पॉइज़निंग न हो जाये।
साथ साथ में FSSAI द्वारा कई जनहित के कार्यक्रम भी जारी रहते है। जिसमे FocTac ,जैसे खाद्य प्रशिक्षण छोटे खाद्य व्यापारियों को खाद्य सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। जिससे स्ट्रीट फ़ूड भी किसी भी तरह से दूषित या FSSAI के दिशानिर्देशों की अवहेलना नहीं करते है। भारत का स्ट्रीट फ़ूड यानी सड़क किनारे लगने वाली रेहडिया स्टॉल आदि विश्व में सबसे सुरक्षित है। इट राइट जैसे कार्यक्रमों से स्कूली बच्चो में खाद्य सुरक्षा की प्रति जागृत करने के लिए हाथ धोना सिखाया जाता है।
ऐसे तथस्ट कार्य शैली के बदौलत 2015 से भारत में एक भी मौत फ़ूड पॉइज़निंग या दूषित खाने से नहीं हुई है।
भारत के खाद्य उत्पाद सिर्फ निर्यात में ही रिकॉल हो सकते है। जिसका मुख्य कारण माल का परिवहन समुद्र मार्ग से होना है। देश में सभी खाद्य पदार्थ सुरक्षित है।हर साल भारत से निर्यातित पैकेज्ड मसाले ,फ़ूड ,अनाज व दाले वापस भेज दिए जाते है।लेकिन यह भारत और भारतीय खाद्य सुरक्षा को बदनाम करने के अंतरास्ट्रीय षडयंत्र मात्र है। भारतीय बाजारों में पैकेज्ड फ़ूड बहुत सुरक्षित है यहाँ तक की बाजारों में सब्जिया ,फल,और राशन जहर मुक्त और संक्रमण मुक्त है।भारत में FSSAI न सिर्फ खाद्य वस्तुओं के उत्पादन और क्वालिटी कंट्रोल तक सीमित है बल्कि शराब और न्यूट्रास्यूटिकल का भी नियमन करती है। भारतीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण की मुस्तैदी के चलते ही ग्लोबल फूड सेफ्टी समिट 2023 को WHO ने दिल्ली को चुना।
हमें गर्व होना चाहिए की हम ऐसे देश के निवासी है जहां की खाद्य सुरक्षा इतनी सक्षम है की हम बाजार से कुछ भी आँख बंद करके खरीद कर खा सकते है। बस घर पर कोई इंसानी गलती न हो तो। या कोई खाने में ही जहर ना मिला दे ?
Maneesh
27 February 2024 at 7:51 am
Gwalior road City palace ke samne