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मुझे कैंसर क्यों हुवा ?

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हमारे आसपास के वातावरण में कैंसर कारक तत्वों भरे पड़े है।

कैंसर के कई कारण आज हमारी रसोई में ही है।

मुझे कैंसर क्यों हुवा ?हर कैंसर रोगी का और उसके परिवार वालो का एक ऐसा सवाल होता है जिसका जवाब बहुत कम लोगो को ही पता होता है। नशा करने वाले कैंसर रोगियों को तो पता होता है की कारण क्या हो सकते है। लेकिन जिस इंसान ने कभी कोई नशा नहीं किया बाहर का भोजन फ़ास्ट ,जंक फ़ूड नहीं खाया। कैंसरकारक माहौल में नहीं रहा जैसे खान मजदुर या केमिकल फैक्टरी आदि को कैंसर हो जाता है। 

उसे कैंसर कैसे हो सकता है। 

कैंसर किसी  जाती धर्म या आर्थिक स्थिति देख कर नहीं होता है। आज कैंसर से पीड़ित कई करोडो कमाने वाले लोग है। जिनके पास किसी भी चीज की कमी नहीं उनमे भी बहुतायत कैंसर हो रहा है। इसके कई कारण तो कुछ आज भी हमारी रसोई में है।

प्रोसेस और फैक्ट्री मेड फ़ूड जैसे मसाले आटा अल्ट्रा प्रोसेस चीनी व शुगर फ्री मिठास आदि  में फैक्टरी प्रोसेस में डाले जाने वाले फ़ूड एडिटिव ,और प्रोसेस में ही कई तरह के कैंसर कारक तत्व बन जाते है। न्यूयॉर्क टाइम्स में हालही में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार रसोई गैस के जलाने से निकली गैस से भी कैंसर हो सकता है। 

जैसे तेल में मक्खन और फ़्राईड चिप्स स्नेक्स बिस्किट में एक्रीलामिड़ (Acrylamide ) बन जाते है। जो  कैंसर का कारण हो सकते है। रेडीमेड पीसे पिसाये आटे में ब्लीच(benzoyl peroxide ,calcium peroxide ,chlorine)  और सफ़ेद रंग पोटैशियम ब्रोमेट  ( potassium bromate ) मिलाया जाता है। 

जो फ़िलहाल आधिकारिक रूप से प्रतिबंधित है। लेकिन  छोटे उत्पादक आज भी इसे काम में लेते है। वही आपके बाथरूम में काम आने वाले साबुन और डिटर्जेंट में भी कैंसर कारक तत्व उपस्थित होते है।

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आपके फ्लोर क्लीनर ,मच्छर भगाने या मारने वाले उत्पादों में वही कीटनाशक होते है जिससे खेतों में काम करने वाले किसानों को कैंसर होता है। कई लोग अपने बाथरूम और बेडरूम और कार में खुशबू के लिए परफ्यूम काम में लेते है ,जिनमे कैंसरकारक एरोसोल और कई तरह के रसायन पाये जाते है।

वही कुछ निरंतर ली जाने वाली दवाइया जैसे  डायबिटीज और बीपी ,एलर्जी व गैस की दवाओं में भी कैंसर कारक तत्व छुपे होते है ।एक रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है की पीपीआई (PPI ) यानी शरीर में बन रही गैस को कम किये जाने वाली दवा से चार तरह के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। 

अत्यधिक मल्टीविटामिन व पोषक तत्वों वाली दवाओं से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। गठिया और कैंसर के इलाज में एंटी विटामिन का उपयोग होता है। 

ये वो कैंसर कारक है जिस पर मीडिया या जानकर लोग कभी बात ही नहीं करते है।लेकिन इंटरनेट पर गहन पड़ताल करेंगे तो सच्चाई ढूढ़ना मुश्किल नहीं।

अब जब आपके मन में ये सवाल आता है की करे क्या ,तो ऐसा नहीं है की बाजार में विकल्प उपलब्ध नहीं सभी के विकल्प बाजार में उपलब्ध है। जो आपको बिना किसी हानिकारक केमिकल के आपके उपभोग के लिए उपयुक्त है। ऐसे उत्पादों  विडंबना यही है की इस गला काट मार्केटिंग में ये लोग उतना नहीं कर पाते जितना बड़ी बड़ी कम्पनीज कर लेती है।

हर मिनट आपको इनके उत्पाद नाच  गा कर टीवी और मोबाइल स्क्रीन पर बार बार दिखाये ही इसीलिए जाते ताकि आपका ध्यान बिलकुल भी वैकल्पिक उत्पादों पर न जाये।ऐसे में कैंसर हर किसी का भविष्य हो सकता है। हथेली पर जान रख कर चलने वाले भी कैंसर से डरते है।

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कैंसर की भयानक और तड़पती मौत और उस मौत को देखता परिवार आत्मा काँप जाती है सोचते हुवे भी ? ऐसे में खाने पीने में विशेष ध्यान देने की जरूरत आज से ही कर लेनी चाहिए। जितना हो सके जैविक उत्पादों का इस्तमाल करे। महक के लिए प्राकृतिक तत्व चुने।ध्यान रहे कैंसर होने के बाद आपका पैसा कोई मायने नहीं रखता है। 

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