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अब गैस चूल्हे से भी कैंसर और अस्थमा 

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न्यूयॉर्क टाइम्स में छपे रिसर्च पेपर में किया चौंकाने वाला खुलासा 

गैस चूल्हा आज हर घर में प्रमुखता से रसोई में इस्तेमाल होने वाला चूल्हा है। जिस पर करीब 80 करोड़ लोगो से भी ज्यादा लोगो का भोजन बनता है। 

पश्चिमी देशो की विशेषता रही है। जैसे जैसे नई तकनीक का ईजाद और उसका औधोगिकरण होता है यह पिछली तकनीकों की बुराई करने लगती है। हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स में छपे एक रिसर्च पेपर में छपा है की गैस चूल्हे के इस्तेमाल  से अस्थमा और कैंसर  बीमारीयां  हो सकती है। इस रिपोर्ट को खुलासे   की तरह प्रस्तुत किया गया है। जबकि इसके बारे में 40 साल पहले ही खुलासे हो चुके है की यह एलपीजी गैस के चूल्हे से निकलने वाली हानिकारक गैस कितनी खतरनाक हो सकती है। लेकिन उस दौरान की सरकारों ने गैस चूल्हे को बढ़ावा और आज की मज़बूरी बना दिया है।

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न्यूयॉर्क टाइम्स में छपे लेख की माने  तो नई तकनीक को बढ़ावा देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। अब तक के वैकल्पिक चूल्हे जैसे इलेक्ट्रॉनिक इंडक्शन चूल्हे और माइक्रोवेव ओवन को बढ़ावा देने की तैयारी चल रही है।यहाँ तक की कई कुकिंग शो में बाकायदा इंडक्शन चूल्हे और इलेक्ट्रॉनिक होम अप्लाइंस को दिखाया जाने लगा है। हो सकता है कुछ और नई तकनीकों को इसमें जोड़ कर सरकारों को परोस दिया जायेगा।और सरकारे फिर से उन्ही वैकल्पिक तकनीकों को जनकल्याण से जोड़ कर जनता के सामने प्रस्तुत कर देगी।  मौजूदा सरकार एलपीजी गैस के बढे दामों को लेकर अपनी पीठ थप थापा सकती है। की गैस के बढ़े दामों से वो गरीब महिलाओ और बच्चो को गैस चूल्हे से होने वाले दुष्प्रभावों से बचाने  की कोशिश में थी। 

एलपीजी गैस में कोई गंध नहीं होती या बहुत ही कम गंध होती है। गैस के रिसाव को पता लगाने के लिए एथिल मरकैप्टन गैस का उपयोग किया जाता है।जो की एक सल्फर कम्पाउंड है।  फ़ूडमेन ने अपने कई लेखो में ये जिक्र किया रसोई गैस या घरेलु गैस का चूल्हा कैसे खतरनाक हो जाता है। हालाँकि फ़िलहाल घरेलु गैस के कई विकल्प मौजूद होने के बावजूद भी घरेलु गैस कई सालो तक आउट डेटेड नहीं होगी। 

“द न्यूयॉर्क टाइम्स में छपे लेख का सारांश “

अख़बार में यह खबर पहले11 जनवरी 2023 को छपी और 30 मई 2023 को इसी खबर को अपडेटेड किया गया। खबर के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका के उपभोक्ता उत्पाद सुरक्षा आयोग ने एक आयुक्त ने घरेलु गैस चूल्हो के नुकसान को लेकर एक अध्ययन करवाया। जिसको हार्वर्ड  टी एच  चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ,सेन्टर फॉर क्लाइमेट ,हेल्थ एंड द ग्लोबल एनवायरमेंट आदि ने पिछले 50 सालो से घरेलू गैस चूल्हे के दुष्प्रभावों को लेकर चिंता जताते हुए गैस चूल्हे के उपयोग के दौरान सावधानियों के बारे में बताया। की गैस चूल्हे से एलपीजी गैस जलने से नाइट्रोजन ऑक्साइड व  नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करता है। जिससे अस्थमा हो सकता है। साथ ही बोस्टन के 69 घरो में बिना जली गैस के नमूनों को इकठ्ठा किया गया जिसमे शोधकर्ताओं को 234 नमूनों में 21 जहरीले प्रदूषण पाए गए जिसमे से एक बेंजीन भी पाया गया। जिसे प्रत्यक्ष रूप से कैंसर कारक माना जाता है। तथा साथ ही माइक्रोवेव ओवन और इंडक्शन चूल्हे व एयर प्यूरीफायर लगाने तक की वकालत की गई है। 

5 Comments

  1. सूनिता

    22 June 2023 at 6:16 pm

    कमपनिया पसा कमाने के पिछे सरकारो को गूमराह करके अपना पेकेज सबसीडी के तोर पर बेचती हे फिर धीरे धीरे लोग अकसपट कर लेते हे परकरती से जूङ कर रहे अब mclकमपनी पूरे भारत मे कूछ विदेसी बेको या कमपनीयो से मिलकर भारतिय किसानो की जङो तक पहूचने की कोसीस कर रही हे ये भी सतय ह या नही

    • HEMANT BATI

      23 June 2023 at 8:24 am

      जी बहुत स्वागत है सुनीता जी। आपका फ़ूडमेन में ,हमारा भी यही प्रयास है की प्रकृति से जुड़े रहे और जो समज सकते हो उनको अपने साथ लेवे। आप की कम्पनी के बारे में बताये। और सुझाये की हम कोई मदद कर सकते है

  2. सूनिता

    22 June 2023 at 6:18 pm

    कचा भोजन खाये जिना होगा आसान

    • HEMANT BATI

      23 June 2023 at 8:25 am

      सुनीता जी क्या आप इस विषय पर थोड़ा और प्रकाश डाल सकती है।

  3. Pingback: आधुनिक रसोई और भोजन  गुणवत्ता की कमी और जीवन आनन्द  में कमी - Foodman

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