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अमूल को क्यों भारत की हर दुकान कब्जाना है?
क्या हो जब दूध के ब्रांड आपस में इलाके के वर्चस्व स्थापित करने के लिए डीलरशिप स्तर पर या सेल्स मैनेजर स्तर पर आपस में युद्ध रत हो जाएं।
अमूल जैसे बड़े ब्रांड ने जिस प्रकार से अपनी पहुंच गुजरात से निकल कर बाहर के राज्यों में बनाई है ।उसने अपने दूध की क्रेट हर दुकान और गली मोहल्लों में रखवाने के लिए दूसरे ब्रांड को टक्कर दी है उससे दूसरे निजी कंपनी के ब्रांड अब प्रभावित होने लगे हैं।
दुकानदारों को ये चेतावनी दी जाती है कि उसके पास दूसरे ब्रांड जैसे पारस, नमस्ते इंडिया या अन्य पाया गया तो उसे अमूल का दूध मिलना बंद कर दिया जायेगा।
अमूल की दूध फाइट यंही ही नही रुक रही ।सहकारी समितियों की कंपनी भी जैसे एमपी में सांची दूध की बिक्री भी अमूल ने कम कर दी।जिससे सांची को विज्ञापन करके लिखवाना पड़ा कि ‘बासी दूध लेंगे कि लोकल ताजा दूध’.
बासी दूध इसलिए कि अमूल दूध के टैंकर रेल वैगन से गुजरात से निकल कर शायद हर कंज्यूमर ने दूसरे राज्यों में जाने वाली ट्रेन में देखे होंगे।
जिस प्रकार अमूल की रणनीति रही है कि प्रचुर दूध उत्पादन को वो दूसरे राज्यों में अपनी फ्रेंचाइजी दे कर और अपने पैकिंग रोल को भेज कर दूध की एकेजिंग करवा कर शहर शहर विक्रय करवा रहा है।
किंतु अब तो जैसे दूध के लिए दूध होने की भी जरूरत नहीं रही ।दूध पाउडर जो भर भर के प्लांटो में रखे हुए रहते हैं अब जरूरत है ब्रांड के रॉल या पन्नी की।
मीडिया में खबरें कुछ एक लोकल रिपोर्टर जरूर कवर करते हैं जिससे एसे इलाके में हुई वर्चस्व की लड़ाई सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती हैं।
ये फाइट नमस्ते इंडिया के दूध पर अमूल के दूध की मोनोपॉली को जबरदस्ती बाजार में ऊपर करने के लिए अपनाए गए सारे हथकंडों की वीडियो वायरल की गई है।जिसमे ग्राहक नमस्ते इंडिया के दूध की तारीफ भी कर रहा है किंतु उसे अमूल का ही दूधदुकान पर दिखाया जा रहा है। (CCN NEWS 24, Facebook Page)
इधर ये बता दें कि स्थापित ब्रांड जैसे फ्रूटी, ब्रिटानिया, पारले, प्रियागोल्ड, हल्दीराम या पेप्सी कोक सभी पूरे देश में फ्रेंचाइजी दे कर और पन्नी/ रॉल भेज कर अपने बिस्कुट, जूस, नमकीन और स्नैक्स पैक करवाती हैं।
किंतु इस मार्केट में रिटेलर को इस शर्त पर माल देना कि तेरी दुकान पर एक ही ब्रांड रहेगा वो भी हमारा ,ये सारे आम नैतिकता की सारी हदें पार करना है।
अमूल को क्यों भारत की हर दुकान कब्जाना है ये तो उसके अधिकारी ही बता सकते हैं।