स्वास्थ्य और जीवनशैली

विटामिन्स का मायाजाल

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विटामिन्स हमारे शरीर के लिए एक बहुत ही जरुरी तत्वों का समूह है जिनकी कमी से कई प्रकार के रोग हो जाते है अब तक तो यही पढ़ाया गया है। लेकिन विटामिन की अधिकता से भी कई विकार शरीर में आ सकते है। आज के दौर में जहा हर कोई सवस्थ रहने के लिए शॉर्ट कट या आसान तरीको को ही अपनाना चाहता है। कथा कथित डाइटीशियन और जीम संचालको के अधूरे ज्ञान से ओतप्रोत सप्लीमेंट और विटामिन मुगफली की तरह खाये जा रहे है।
यहाँ तक की चिकित्सको में भी कुछ चिकित्सक अपने फायदे के लिए विटामिन सप्लीमेंट और मल्टीविटामिन लिख देते है। जिनका कोई फायदा या नुख्सान मरीज को नहीं होता लेकिन लम्बे समय तक विटामिनो की अधिकता के चलते दुष्प्रभाव जरूर पड़ते है। जिन्हे विज्ञानं की भाषा में विटामिन टॉक्सिसिटी तथा मेडिकल भाषा में हाइपर विटमिनोसिसि ( Hyper Vitaminosis) कहते है। लेकिन इसके बारे में मिडिया की  चिकित्सीय चर्चाओं में जिक्र न के बराबर होता है। जिसका सीधा सा कारण विटामिन और सप्लीमेंट का बढ़ता बाजार है।
बाजारवाद में जहा हर कोई सिर्फ बेचना ही चाहता है। और बेचने के लिए प्रेरित करना चाहता है। जिसके चलते बाजार में नए नए प्रयोग और दलाल स्थापित किये जाते है।
हाल ही में कोरोना के चलते बाजार में विटामिन डी (Cholecalciferol ) 60 हजार आई यु। की मांग बढ़ गई। जबकि डब्लू एच ओ ने अपने दिशा निर्देश में इसकी उपयोगिता को कोरोना के इलाज के लिए किसी भी रूप में कारगर नहीं माना लेकिन तब से एक निश्चित रूप से निरंतर चिकित्सको की सलाह में विटामिन डी अनिवार्य रूप से जुड़ चूका है।  यहाँ तक की कुछ लोग इसे चिकित्सीय सलाह के बिना भी इसका उपयोग कर कर रहे। जबकि विटामिन डी की अधिकता के चलते कई विकार आ जाते है। विटामिन अधिकता के चलते होने वाले नुख्सान और शारीरिक विकारो के बारे में क्रमशः जारी

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