स्वास्थ्य और जीवनशैली
आज के दौर की बीमारियों से छुटकारा है आपके खानपान में बदलाव : फ़ूडमेन की “एकल भोजन प्रणाली ” को अपनायें
हमारे खान पान में बहुत ही नाटकीय तरीके से परिवर्तन किया गया है। वही खाने के बारे में हमारा प्राथमिक ज्ञान न्यून से शून्य तक हो गया है। कुछ का कारण मन स्थिति है। तो कुछ का कारण आसपास के हालात और आर्थिक वजह हो सकती है। लेकिन फिर भी अधिकतर बीमारियों का कारण हमारा खान पान ही है . सुबह का नाश्ता दोपहर का भोजन और रात्रि भोजन में भोजन की प्रकृति भिन्न और एक दूसरे के विरोधी तत्वों से परिपूर्ण रहती है।
ऐसे में शारीरिक समस्या होना आम बात हो गई है। बुजुर्गो को छोड़िये नौजवान बालिग और बच्चो में भी खानपान से होने वाली गंभीर समस्या होने लगी है। जिसका मुख्य कारण है। खानपान में और खाने के दौरान और खाने के पश्चात रखी जाने वाली सावधानियों की अनदेखी। सुबह नाश्ते में क्या क्या खा सकते है। क्या साथ में खाना है और क्या नहीं खाना है। सुबह नाश्ते के बाद दोपहर के खाने में क्या खाना है और क्या नहीं।
इसी उधेड़बुन के चक्कर में लोगो ने खाने पीने का ध्यान ही रखना छोड़ दिया है। बस जो मिल जाये और आसानी से मिल जाये। जिस पर स्वास्थ्यवर्धक का अदृश्य पहचानपत्र हो बस खा लो और पी लो। कुछ बिगड़ेगए तो दवा है डॉक्टर है। जो होगा देखा जायेगा की मानसिकता आज हर किसी पर हावी है विशेष कर नौजवानो पर। जिसका खामियाजा भी नौजवानो को ही भुगतना पड़ता है। असमय बाल झड़ना या सफ़ेद होना ,झुरिया पड़ना। प्रजनन क्षमता में कमी और हृदय रोग ,मधुमेह ,एलर्जी ,बवासीर ,कब्ज ,गैस ,मोटापा नौजवानो में होने वाली आम समस्याएं है। क्यों की हमारी शिक्षा व्यवस्था या किसी भी तरह की व्यवस्था हमें खानपान की बारीकियों का ज्ञान नहीं दिया जाता है। जिसका कारण है। दवा बाजार। कोई बीमार या तकलीफ में होगा तभी तो दवा लेगा .
अब खानपान में क्या करे क्या नहीं इतना सब ध्यान में रख पाना आसान नहीं है। लगभग असंभव जैसी स्थिति है।
फ़ूडमेन पहले भी अपने लेख “एकल भोजन प्रणाली ” में बता चूका है की दैनिक जीवन में एक दिन में एक जैसा खाने से खानपान से होने वाली 90 प्रतिशत बीमारियों से बचा जा सकता है।
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http://foodman.co.in/daily-single-habbit-diet-system/
क्रमशः जारी