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टेरेस गार्डनिंग ,किचन गार्डनिंग -खाद्य सुरक्षा के लिए एक बेहतरीन पहल
आज के दौर में जहां हर कोई मुनाफा और अधिक मुनाफे के लिए खाद्य पर्दार्थो से खिलवाड़ कर रहा है। उससे कोई नहीं बच सकता। सिवाय कुछ संपन्न लोगों के अलावा ,जिन्होंने अपने खाने के लिए खुद के खेत खरीद कर मूल बीजो से खेती करवा रहे है। आम आदमी के लिए यह संभव नहीं।शहरी क्षेत्रों में जिनके खुद के मकान और खुद की छत हो ऐसे लोग भी कम है।
ग्रामीण क्षेत्रों में छत के अलावा खुली जमीन भी कई परिवारों के पास है। ऐसे लोगों के लिए किचन गार्डनिंग या टेरेस गार्डनिंग स्वास्थ्य के हिसाब से किसी वरदान से कम नहीं है। इसके लिए टेरेस यानी अपने खुद की छत पर अपने लिए खाद्य उगाना न सिर्फ खाद्य सुरक्षा के लिहाज से एक अच्छी शुरुआत है, बल्कि इसके कई फायदे भी है। टेरेस गार्डनिंग से आपके घर का तापमान स्थिर रहता है। जिससे सर्दी गर्मी में बाहरी तापमान का ज्यादा फर्क घर के अंदरूनी हिस्सों में नहीं पड़ता। साथ ही अपनी खेती की देखभाल और रख रखाव से जो शारीरिक मेहनत लगती है। उससे आपका स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है व आपके जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।
कई अध्ययनों से पता चलता है की सुबह का समय किचन या टेरेस गार्डनिंग में बिताने से ह्रदय रोग मोटापा, डाइबिटीज,व तनाव जैसे रोगो में फायदा पहुंचा है। साथ ही बिना किसी हानिकारक रसायन से आपके खुद के द्वारा लगायी सब्जियां स्वाद और स्वास्थ्य से भरपूर होती है।भारत में भी अब कई बड़े शहरो में कई स्टार्टअप खुद से टेरेस गार्डनिंग में आम लोगो की सहायता कर रहे है।ये स्टार्टअप आपको अच्छे व मूल बीजो के साथ साथ मिट्टी व खाद व कई नई और सस्ती तकनीकों से लोगो के घरो और बालकनी में सब्जियां लगवा रहे है।
आप खुद से ही शुरुआत कर सकते है ,घर के पुराने बर्तन जो अब उपयोग करने लायक नहीं है। उनको काट कर व उनमे मिट्टी व खाद भर कर आप खुद के लिए सब्जियों की खेती घर की छत या अपनी बालकनी में कर सकते है। एक बार की मेहनत कई सालो तक आपको फायदा देती रहेगी। आज के जहरीले रसायनो से भरी इस दुनिया में कुछ बिना जहर के मिलना किसी आश्चर्य से कम नहीं है।