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केलिफोर्निया में कई खाद्य अवयव पर प्रतिबन्ध लगाने का प्रस्ताव

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केलिफोर्निया में वुडलैंड हिल्स के राज्य विधानसभा सदस्य जेसी गेब्रियल ने लगभग 5 खाद्य अवयव पर प्रतिबन्ध लगाने का विधेयक प्रस्ताव जारी किया है।

गेब्रियल का कहना है की अमेरिकी खाद्य सुरक्षा (FDA ) ने जानबूझ कर प्रोसेस फ़ूड में इस्तेमाल किये जाने वाले फ़ूड एडिटिवस (खाद्य अवयव ) जैसे प्रेज़रवेटिव ,फ़ूड कलर डाई ( खाद्य रंग ) कृत्रिम स्वाद आदी की गहन वैज्ञानिक जाँच किये बिना ही स्वीकृत कर दिए। तथा कई ज्ञात तत्व जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जैसे टाइटेनियम डाइऑक्साइड, रेड डाई -3 जो कई कैंडीज में प्रयोग किया जाता है; पोटेशियम ब्रोमेट, कुछ ब्रेड में प्रयोग किया जाता है; ब्रोमिनेटेड वनस्पति तेल; और प्रोपाइलपरबेनआदी को लेकर विधान सभा में प्रतिबंध विधयक लाया गया है। टाइटेनियम डाई ऑक्साइड भारत में खाद्य प्रदार्थो में प्रतिबंधित है लेकिन दवाओं और कॉस्मेटिक में इसका उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।
केलिफोर्निया की विधान सभा में इस विधयक के प्रस्ताव के बाद से ही खाद्य उद्योग के बड़े बड़े कारोबारी घरानो ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। ये प्रस्ताव कानून बनेगा या रद्द हो जायेगा इसके बारे में अभी कहा नहीं जा सकता है।
लेकिन एक बार फिर कृत्रिम खाद्य अवयव व रसायनो की तरफ दुनिया भर के खाद्य विशेषज्ञों व बुद्धिजीवी के बिच चर्चा का विषय जरूर बन गया है।

FDA की नीतियां व काम करने के तरीको पर भी सवालिया लगने शुरू हो गए है। FDA ( फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ) की ही नक़ल FSSAI (खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण )के कानूनों में देखी जा सकती है। बस सजा का प्रावधान भारतीय कानूनों के अनुसार नहीं  लगते है।

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