कंज्यूमर कार्नर
जॉनसन एंड जॉनसन बंद करेगी बेबी टैल्कम पाउडर, कंपनी अब कॉर्न स्टार्च बेस्ड पाउडर लाएगी
विश्वविख्यात शिशु प्रसाधन बनाने वाली कम्पनी जॉनसन एन्ड जॉनसन ने बेबी शावर टेल्कम पाउडर से अपने हाथ खींच लिए है। पिछले कई वर्षो से शिशु प्रसाधन उत्पाद में अग्रणी इस कम्पनी के बेबी टेल्क से कैंसर होने के दावों को लेकर दुनिया भर के उपभोक्ता अदालतों में चल रहे मुकदमो में हार जाने की वजह से कम्पनी ने अपने उत्पाद को बाजार से ख़त्म करने का फैसला लिया है। अगले साल से दुनियाभर में बिक्री बंद होगी, अमेरिका-कनाडा में 2020 से ही बिकना बंद हो चुका है।
एक सजक नागरिक और तटस्थ न्याय प्रक्रिया के चलते जॉनसन एन्ड जॉनसन को ये फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। कंपनी क़ानूनी लड़ाई और हर्जाने से थक चुकी है , अकेले अमेरिका की पीड़ित महिलाओ को क्षतिपूर्ति के एवज में कम्पनी को 20 हजार करोड़ रु का भुगतान किया गया। ये पीड़ित महिलाये जिनको कम्पनी के टेल्क से डिम्ब ग्रंथियों में कैंसर व गर्भ का कैंसर हो गया था। कम्पनी सूत्रों के अनुसार जॉनसन एंड जॉनसन ने पिछले 5 सालो में लगभग 4 बिलियन डॉलर यानी करीब 32 हजार करोड़ से ज्यादा का भुगतान कर चुकी है।
हालाँकि ऐसा नहीं है की कम्पनी अपना बेबी पाउडर बाजार से हटा लेगी बल्कि कंपनी अब टेल्क की जगह मक्के के स्टार्च ( अरारोट ) का उपयोग करेगी।
कंपनी बेबी पाउडर में अब टेल्क एक हाइड्रोस मैग्नीशियम सिलिकेट (Magnesium silicate ) को हटा कर अरारोट का उपयोग करेगी। लेकिन इससे बाजार में उपलब्ध टेल्क आधारित अन्य उत्पाद भी अब संदेह के दायरे में होंगे।
खास तौर पर वो कॉस्मेटिक व खाद्य पदार्थ जिसमे E -553 एंटी केकिंग ( Anti -Caking ) तत्व मिलाए जाते है।
समझें टैल्क क्या होता है?
टैल्क एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला मिनरल है, जो पृथ्वी से निकाला जाता है। इसमें मैग्नीशियम, सिलिकॉन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन होता है। रासायनिक रूप से, टैल्क एक हाइड्रोस मैग्नीशियम सिलिकेट है, जिसमें केमिकल फार्मूला Mg3Si4O10(OH)2 है। कॉस्मेटिक और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में टैल्क का इस्तेमाल पसीना सोकने में होता है।
टैल्क से कैंसर के खतरे के आरोप लगते रहे हैं। दरअसल, जहां से टैल्क को माइन करके निकाला जाता है, वहीं से एस्बेस्टस भी निकलता है। एस्बेस्टस (अभ्रक) भी एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सिलिकेट मिनरल है। ये शरीर को नुकसान पहुंचाता है। जब टैल्क की माइनिंग की जाती है तो उसमें एस्बेस्टस के भी मिलने का खतरा रहता है।
यूरोपियन संघ के सशक्त उपभोक्ता सरक्षण कानून के चलते जॉनसन एंड जॉनसन को अपना ये व्यावसायिक फैसला लेना पड़ा है।
भारत में भी जॉनसन एंड जॉनसन के शिशु प्रसाधन लम्बे समय से चलते आ रहे है। किन्तु भारत में भी 2019 में पाउडर में एस्बेस्टस के आरोपों के बाद अपने प्लांट में प्रोडक्शन बंद करना पड़ा था। हालांकि भारत के ड्रग कंट्रोलर ने टेस्टिंग में पाउडर में एस्बेस्टस नहीं पाया। इसके बाद कंपनी ने बद्दी और मुलुंड प्लांट में अपने बेबी पाउडर का उत्पादन फिर से शुरू कर दिया था।
लेकिन जागरूकता और लचर उपभोक्ता अदालतों के काम करने के तरीकों के कारण भारत में कई ब्रांडेड टेलकम पाउडर उपलब्ध हैं तथा और भी बहुत से ऐसे तत्व जो कैंसर कारक है बिक्री और उपभोग में जारी है।
फ़ूडमेन सभी को टेल्क और E 553 जैसे अवयवों से दूरी बना कर रखने की सलाह देता है।