कंज्यूमर कार्नर

FSSAI ने जारी किये बारकोड में सूचना देने के दिशानिर्देश। 

Published

on

डिजिटल इंडिया में कस्टमर पढ़ेंगे बारकोड वाले फ़ूड लेबल   

अब बारकोड में ही पैकेज्ड फ़ूड के निर्माता की सुचना। 

बारकोड यानी किसी भी उत्पाद की सघन जानकारी जो खड़ी लकीरो में देखी जा सकती है। इसे विशेष स्कैनर से स्कैन उत्पाद की सभी जानकारियाँ प्राप्त की जा सकती है। जैसे उत्पाद में क्या क्या सामग्री है। कब बनी है। कब इसके उपयोग की अंतिम तारीख है।  इसे कौन मार्केटिंग कर रहा है। व कौन इसका निर्माता है। हालाँकि बारकोड के अलावा यह जानकारियां उत्पाद के पीछे लिखी जाती रही है अब तक।  

अब FSSAI ने एक नया संशोधन करते हुवे कई जानकारियों को जो पहले उत्पाद के पीछे लिखा होना जरुरी था। उन्ही जानकारियों को बारकोड में सिमित करने जा रही है। मतलब ये की खाद्य उत्पाद के पीछे लिखे निर्माता की जानकारी अब आपको बारकोड में मिलेगी। 

FSSAI व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ( MOHFW ) अब यह मानने लगा है। की सभी भारतीय स्मार्ट फोन व सभी स्मार्ट फोन स्मार्ट बारकोड स्कैनर से सुसज्जित हो चुके है। जिससे उनको किसी भी खाद्य व पैकेज्ड खाद्य उत्पाद की जानकारी के लिए बारकोड को स्कैन कर जानकारी प्राप्त कर सकते है। और ये सभी अंग्रेजी भाषा को पढ़ लिख और समझ भी सकते है। 

ऐसे में उत्पाद पर लिखी सूचनाओं को छिपाने की कोशिश की जा रही है। जो कही न कही से उपभोक्ता के साथ छल है। 

ऐसे में प्रश्न ये भी उठता है। की जो खाद्य प्रदार्थ छोटी पैकिंग में आते है। क्या उनका बारकोड काम करेगा। या आपके मोबाइल से उसे स्कैन किया जा सकता है।  एक बार फिर से FSSAI का ये संशोधन कॉर्पोरेट के हितो को लेकर लिया गया लगता है।  क्यों की यह किसी भी तरह से उपभोक्ता जागरूकता का मामला नहीं लगता। बल्कि यह तो उपभोक्ताओं को और भी अँधेरे में रखेगा।

  विडम्बना ये है की यह नियम या संशोधन सिर्फ भारत के अंतर्गत बिक्री के खाद्य पदार्थों पर ही लागू रहेगा। और  निर्यात के लिए इन सभी निर्माताओं को पहले की तरह ही अपने उत्पाद की जानकारी पूर्ण रूप से उत्पाद की पैकिंग पर छापनी होगी।  ऐसे में FSSAI के अधिकारियो की नियत पर शक होना लाजमी हो जाता है। 

Advertisement

फ़िलहाल पैकेज्ड  खाद्य उत्पादों की पैकिंग से उत्पाद के निर्माता की जानकारी ही हटा कर बारकोड तक सिमित की गई है। जो भविष्य में और भी कई जानकारियों पर लागु हो जाएगी। 

आज भी उपभोक्ता अपने उत्पाद की जानकारी के लिए विज्ञापनों पर ही निर्भर रहता है।  ऐसे में बारकोड में जानकारी देना। उपभोक्ता को और भी अँधेरे में ले जायेगा। तथा ऐसे संसोधनो से उपभोक्ता और उत्पाद की जानकारी के बिच की खाई और बढ़ेगी।  

फ़िलहाल पैकेज्ड  खाद्य उत्पादों की पैकिंग से उत्पाद के निर्माता की जानकारी ही हटा कर बारकोड तक सिमित की गई है। जो भविष्य में और भी कई जानकारियों पर लागु हो जाएगी। 

आज भी उपभोक्ता अपने उत्पाद की जानकारी के लिए विज्ञापनों पर ही निर्भर रहता है।  ऐसे में बारकोड में जानकारी देना। उपभोक्ता को और भी अँधेरे में ले जायेगा। तथा ऐसे संसोधनो से उपभोक्ता और उत्पाद की जानकारी के बिच की खाई और बढ़ेगी। तथा और भी कई नई तरह के दिशा निर्देशों से मौजूदा खाद्य सुरक्षा नियम व सविधान को बदला जायेगा।

जो की किसी भी उपभोक्ता के लिए विशेषकर जागरूक उपभोक्ताओं के लिए एक नई समस्या को उत्पन्न करेगा। और इसी तरह के दिशा निर्देश अन्य उत्पादों पर भी लागु किये जा सकते है। जिसमे इलेक्ट्रॉनिक्स ,हर्ड वेयर आदी पर भी ऐसे ही दिशानिर्देशों के नाम पर नियम तंत्र को उदासीन किया जायेगा। 

Advertisement

ऐसे में खाद्य जनचेतना ,उपभोक्ता जागृति मंचो और उपभोक्ता संरक्षण करने वाले लोगो ,NGO ,व संस्थाओं को आगे आ कर ऐसे संसोधनो को वापस लेने और इन संशोधनों पर प्रतिक्रिया देते हुवे। आम नागरिकों को भी अवगत करवाना चाहिए। की कैसे आम नागरिकों से उनके उपभोक्ता अधिकारों की दबाया जा रहा है। 

फ़ूडमेन हमेशा से खाद्य उत्पादों की पैकिंग पर स्थानीय भाषा या हिंदी भाषा के उपयोग को लेकर वकालत करता आया है। और FSSAI के इस संसोधन पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करता है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version