कंज्यूमर कार्नर
जिम के हेल्थ सप्लीमेंट
हेल्थ के लिए फायदेमंद न हो कर नुकसान भी पहुंचा सकते है
हेल्थ और फिटनेस के लिए जिम जाना अब एक फैशन बन चूका है। जिम में जा कर बॉडी बिल्डिंग करना आज हर युवा का सपना बन गया है। हालाँकि ये भी सच्चाई है की अधिकतर सिर्फ सोचते रहते है। या कुछ ही महीनों या दिनों तक ही सीमित रहते है। जबकि कुछ मेहनती युवा जिम निरंतर और दैनिक रूप से जिम जाते रहते है। लेकिन बॉडी बनाने की जल्दबाजी में युवा फ़ूड सप्लीमेंट और गलत तरीको की और चले जाते है। या लुभा लिए जाते है।
जिम में कसरत करना और फूड सप्लीमेंट्स का उपयोग करना आम हो गया है। जिम में बॉडीबिल्डिंग करने या वजन कम करने लिए हेल्थ सप्लीमेंट का प्रचार प्रसार और उपयोग हो रहा है। ऐसे में हेल्थ सप्लीमेंट से जुड़े जोखिमों और नकली हेल्थ सप्लीमेंट को लेकर सतर्कता और जागरूकता दोनों ही किसी जोखिम को कम नहीं कर सकती है।
आज जिम में होने वाली मौतों का विषय एक गंभीर चर्चा का विषय बना हुवा है। लेकिन गंभीर रूप से कोई परेशान नहीं है। न ही जिम में जा कर कसरत करने वाले। न ही जिम ट्रेनर और न ही अभिभावक जो अपने बच्चो को जिम जाने की शौख और फ़ूड सप्लीमेंट लेने की जिद को नजरअंदाज किये रहते है। कुछ सालों से, कई सेलिब्रिटी और सामान्य लोगों की मौतों की खबरें सामने आई हैं, जिनमें वे लोग थे जो जिम में नियमित रूप से कसरत करते थे।
इसका मतलब यह नहीं है कि जिम में कसरत करने से ही मौत होती है, बल्कि इसका कारण अक्सर गलत तरीके से फ़ूड सप्लीमेंट्स का उपयोग करना और एक्सरसाइज करने की गलत तकनीक भी इसका कारण हो सकती है।पिछले 2 -3 सालो में जिम में कसरत करते हुवे या जिम में कसरत के कारण हुई मौतों को कोरोना वेक्सीन से जोड़ कर देखा जा रहा है। लेकिन कोरोना से पहले भी तो इसी तरह से जिम में मौते हुई है।
जिम में कसरत करने से मौत नहीं होती है, लेकिन ध्यान देने योग्य है कि आप अपने शरीर की सीमा को समझें और उसी के अनुसार एक्सरसाइज करे। अधिक कसरत करने से आपका शरीर थक सकता है, लेकिन इससे आपकी मौत नहीं होती है। यहां तक कि कई लोग वर्षों से जिम में कसरत करते हैं और उनके स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
जिम में कसरत करने वाले लोग अक्सर अपने शरीर में अतिरिक्त प्रोटीन और ऊर्जा की आवश्यकता के लिए फूड सप्लीमेंट्स का उपयोग करते हैं। यह तकनीक उन्हें बेहतर परिणाम प्राप्त करने में मदद कर सकती है, लेकिन उन्हें इन सप्लीमेंट्स के उपयोग के बारे में सही जानकारी होना जरूरी है। बिना सलाह और विशेषज्ञ के परामर्श के बिना, किसी भी फूड सप्लीमेंट का सेवन करना या छोड़ देना जिम में हो रही मौतों का मुख्य कारण बन सकता है।
आजकल लगभग हर जिम फ़ूड सप्लीमेंट बेचने की दुकान बन चुके है। जहां पर बिना किसी विशेष जानकारी या विशेषज्ञता के इन सप्लीमेंट को बेचा जा रहा है। और बिना किसी लाइसेंस या जिम्मेदारी के बेचा जा रहा है। कई तथाकथित जिम ट्रेनर न सिर्फ जिम में फ़ूड सप्लीमेंट के असर व प्रभावों प्रचार प्रसार करते जा सकते है। तथा सोशल मिडिया में भी विडिओ बना कर प्रचार करते देखे जा सकते है।
जिम में कसरत से पहले, कसरत के दौरान और कसरत के बाद भी कई प्रकार के फ़ूड सप्लीमेंट्स उत्पादों का बाजार बना दिया है । इनमें प्रोटीन पाउडर , अमिनो एसिड्स, और ऊर्जा बढ़ाने वाले तत्व आदि तो होते ही है साथ ही कई तरह की दवाओं और स्टीरॉइड का भी खूब इस्तमाल होता है। ना ही उपयोग करने वाला और ना ही उपयोग की सलाह देने वाला दोनों ही नहीं जानते की इसका क्या फायदा होगा और क्या नुकसान और लम्बे समय तक इनके उपयोग से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
कई प्रतिबंधित दवाये और हार्मोनका उपयोग आज के जिम व हेल्थ इंडस्ट्री की सच्चाई है। यहाँ तक की मुर्गियों और मवेशियों में मांसपेशिया बढ़ाने के लिए जो दवाइया या फ़ूड सप्लीमेंट दिए जाते है। उन्ही सामग्रियों को इन हेल्थ ड्रिंक आदि में मिलाकर बेचा जाता है।
इन हेल्थ प्रोडक्ट में संभवतया ज़िलपाटेरोल(Zilpaterol) लुबाबेगरों (Lubabegron) रेक्टोपामाइन (Rectopamine) जैसी दवाओं का उपयोग किया जाता है। जिनका उपयोग मवेशियों में उनके जीवन के आखरी दिनों में किया जाता है। ताकी अधिक मांस का उत्पादन किया जा सके। इनको भी शुरुवाती या लम्बे समय तक मवेशियों को नहीं दिया जाता है। इन दवाओं को लेकर अलग अलग देशो में अलग अलग कानून व प्रतिबंध है। भारत में इसके इस्तमाल को लेकर कोई दिशा निर्देश इंटरनेट पर नहीं मिले है।
जुलाई 2019 में पुणे FDA ने ऐसे ही एक गिरोह का भांडा फोड़ करते हुवे कई गिरफ्तारियां की थी। ये गिरोह नकली प्रोटीन पाउडर व नकली को असरदायक बनाने के लिए स्टीरॉइड व उक्त दवाओं मिला कर आसपास के इलाको के जिम में सीधे ही बेचते थे।
इसी साल फरवरी माह में मेरठ में स्थानीय पुलिस ने मुखबिर की खबर के आधार पर नकली प्रोटीन पाउडर हेल्थ सप्लीमेंट बनाने वाली एक फैक्ट्री को सीज किया तथा तीन लोगो को गिरफ्तार किया। फैक्ट्री से भारी मात्रा में ब्रांडेड प्रोटीन पाउडर के खाली डिब्बे व डिब्बे के लेबल जप्त किये तथा बाजार मूल्य अनुसार 1 -2 करोड़ रु का नकली प्रोटीन सप्लीमेंट सीज किया। मेरठ पिछले कई सालो से नकली हेल्थ सप्लीमेंट मंडी बना हुवा है इससे पूर्व कई ऐसे ही नकली हेल्थ सप्लीमेंट बनाने के कारखानों पर छापे पड़ चुके है।
ऐसे नकली हेल्थ सप्लीमेंट को अधिक मुनाफा और कम लागत के चलते इन्ही तथाकथित ट्रेनरों द्वारा जिम में बेचा जा रहा है। तथा खाद्य सुरक्षा विभाग और औषधीय विभाग दोनों के ही नाक के नीचे और दोनों विभागों की मौन सहमति से यह व्यापार फल फूल रहा है। मुख्य बाजार में और विशेष जिम में बिकने वाले फूड सप्लीमेंट पर FSSAI द्वारा प्रमाणित होने की मोहर जरूर होती है। लेकिन उत्पाद में कुछ और ही होता है। और FSSAi द्वारा इनके सेम्पल बाजार व जिम से नहीं जा रहे है । और लिए भी जाते है तो मामला रफा दफा कर दिया जाता है।जो की एक गंभीर मुद्दा और चुनौती है।
स्वस्थ और सुडौल शरीर के लिए प्राकृतिक पारंपरिक खानपान का उपयोग करना चाहिए। अतिरिक्त प्रोटीन के लिए दाल हरी सब्जियों और अन्य वनस्पति व सूखे मेवों का उपयोग भी किया जा सकता है। ऐसे कई अध्ययनों व रिसर्च रिपोर्ट में भी हेल्थ और बॉडीबिल्डिंग के लिए हेल्थ सप्लीमेंट व प्रोटीन पाउडर के उपयोग को लेकर चेताया गया है। इनके लम्बे समय तक के उपयोग से बाल झड़ना ,बुढ़ापा जल्दी आना ,दिल की बीमारियां ,किडनी फेलियर ,लीवर फेलियर और नामर्दानगी ,व बांझपन जैसी स्थितियां बन सकती है।
इसलिए जिम में अपने शारीरिक क्षमता के अनुसार ही कसरत करे। और जल्दबाजी बिलकुल भी न करे। हेल्थ ड्रिंक को लेकर चिकित्सीय परामर्श जरूर लेवे। अच्छे प्रमाणित कोच की निगरानी में एक्सरसाइज करे। व जिम में उपलब्ध तथा ऑनलाइन किसी भी हेल्थ ड्रिंक की पूरी जाँच के बाद ही ख़रीदे
कोशिश करे की सिर्फ जैविक खाने से ही अपनी प्रोटीन की जरूरत पूरा करे।