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फोर्टिफाइड चावल में हुवा फोर्टी फिक्स घोटाला।
140 करोड़ के घोटालेबाज निकले फोर्टिफाइड चावल राइस मिल संचालक।
छत्तीसगढ़ फोर्टिफाइड चावल में हो रहे घोटाले को लेकर ईडी ने कस्टम मिलिंग स्कैम में मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी सहित 5 पर एफआईआर दर्ज कराई है। आरोप है कि 140 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई। इसमें अफसरों से लेकर मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी तक शामिल हैं। जांच में पता चला है कि एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर लेवी वसूलते और अफसरों को जानकारी देते। जिससे रुपए नहीं मिलते उनका भुगतान रोक दिया जाता। कारोबारियों के अनुसार, अफसरों को हर काम के लिए पैसा देने पड़ता था। विधानसभा में भी भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा था कि, कस्टम मिलिंग में प्रति टन 20 रुपए वसूली की जाती है।
एसीबी अफसरों के मुताबिक, आरोपी अफसरों और मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है। 15 माह से चल रहा था पूर्व एमडी का खेल। कारोबारियों के अनुसार, मनोज सोनी और उनके सहयोगियों का खेल 15 माह से चल रहा था। इसके लिए पूरी टीम बनाई गई थी। टीम में मॉर्कफेड के अफसर और छत्तीसगढ़ स्टेट इन मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल थे। आरोप है कि, कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, मोटा धान को पतला, पतले धान को मोटा करने, एफसीआई को कन्वर्ट करने का पैसा लिया जाता था।
इस काम की लगती थी इतनी राशि:
- स्टेट इन मिलर्स एसोसिएशन (प्रति क्विंटल) 20 रुपए
- डीओ काटने का 100 रुपए
- मोटा धान को पतला धान रिपोर्ट देने (प्रति क्विंटल) 100 रुपए
- पतले धान को मोटा धान बताने की रिपोर्ट (प्रति क्विंटल) 100 रुपए
- एफसीआई से नॉन में कन्वर्ट करने की रिपोर्ट (प्रति क्विंटल) 100 रुपए
इस तरह बनाया गया था वसूली का सिस्टम। ईडी की जांच में यह पाया गया कि, तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को मनोज सोनी ने दहन चंद्राकर के माध्यम से निर्देश दिया था। इसमें कहा गया था कि उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है, जिन्होंने वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को दे दी है। किन राइस मिलर्स को भुगतान किया जाना है, इसकी जानकारी संबंधित जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन के जरिए प्राप्त होती थी। रोशन चंद्राकर जिन मिलर्स की जानकारी प्रीतिका को देते थे, उनका भुगतान करके शेष मिलर्स की राशि रोक दी जाती थी। अक्टूबर 2023 को छापा मारा था, अप्रैल 2023 को ईडी ने छापा मारा था।
ईडी ने अपने ऑफिशियल एकाउंट पर लिखा कि, 20-21 अक्टूबर को मार्कफेड के पूर्व एमडी, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स संगठन के कोषाध्यक्ष और कुछ सदस्यों,फोर्टिफाइड चावल राइस मिलर्स और कस्टम मिलिंग से जुड़े लोगों के घर पर जांच की गई।फोर्टिफाइड चावल व धान घोटाले से जुड़ी इस जांच में कई संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 1 करोड़ 6 लाख कैश मिला। ईडी ने इनकम टैक्स की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की। इस जांच के बाद ईडी की स्थानीय टीम ने प्रतिवेदन दिया और उसके बाद एफआईआर हुई। बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने विधानसभा में उठाया था मुद्दा।
6 मार्च 2023 को विधानसभा में बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कस्टम मिलिंग में प्रति टन 20 रुपए वसूली का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जो मिलर्स वसूली देते हैं, उनको ही भुगतान होता है। इसके बाद तत्कालीन मंत्री मोहम्मद अकबर ने सबूत मांगा था और सदन में जमकर हंगामा हुआ था। फोर्टिफाइड राइस के भुगतान पर भी वसूली का आरोप। राइस मिलर्स ने फोर्टिफाइड राइस का भुगतान करने पर पैसे मांगने का आरोप लगाया था। उनके अनुसार, केंद्र सरकार ने PDS के जरिए गरीबों को दिए जाने वाले अनाज की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए फोर्टिफाइड चावल की मात्रा बढ़ाने का आदेश दिया था।
सरकार के आदेश के मुताबिक, एफसीआई और नागरिक आपूर्ति निगम में जमा होने वाले चावल में एक प्रतिशत फोर्टिफाइड चावल होना चाहिए। 99 किलो सामान्य चावल का पैमाना तय किया गया था। आरोप है कि इसमें कमीशनखोरी और घूसखोरी का खेल चला। कमीशन के लिए जारी किया था फरमान।
छत्तीसगढ़ के फोर्टिफाइड चावल व राइस मिलर्स ने बताया कि पहले मिलर अपनी सहूलियत और भाव के मुताबिक राज्य के किसी भी जिले से फोर्टिफाइड चावल उठा सकता था। एफसीआई के अफसरों ने इसे खत्म करते हुए केवल अपने ही जिलों से फोर्टिफाइड चावल लेने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया। इस फरमान के बाद से ही फोर्टिफाइड चावल की कीमतों में भी मनमानी बढ़त दर्ज की गई। इस बढी हुई कीमत से ही एफसीआई अफसर तक घूस की रकम पहुंचाई जा रही थी, हालांकि मिलर्स के दबाव के बाद इस आदेश को वापस लिया गया।
क्या है फोर्टिफाइड चावल।
फोर्टिफाइड चावल एक कृत्रिम पोषणयुक्त चावल है। इसमें आम चावल की तुलना में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक है। इसके अलावा जिंक, विटामिन ए, विटामिन बी वाले फोर्टिफाइड चावल भी विशेष तौर पर तैयार किए जा सकते हैं। फोर्टिफाइड चावल को आम चावल में मिलाकर खाया जाता है। ये देखने में बिल्कुल आम चावल जैसे ही लगते हैं, इनका स्वाद भी बेहतर होता है।
2021-2022 का रोका गया भुगतान। फोर्टिफाइड चावल पर प्रति किलो 6 से 7 रुपए की घूस मांगी जा रही है। 2021-22 में किसानों से समर्थन मूल्य पर 97 लाख 97 हजार 122 मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी। राज्य में 2020-21 में 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। साल 2021-22 में 21,77,283 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा था, जो बीते वर्ष धान बेचने वाले 20,53,600 किसानों की संख्या से 1,23,683 अधिक थी। सरकार बदलते ही बदला नियम। छत्तीसगढ़ स्टेट इन मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि पूर्व सरकार में हर चीज का कमीशन देना पड़ता था।
एसोसिएशन में पदाधिकारी बदलने के बाद और प्रदेश में सरकार बदलने के बाद अब बेवजह भुगतान नहीं करना पड़ रहा है। सिस्टम में सुधार किया गया है, साथ ही विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली में भी परिवर्तन आया है। मिलर्स ने यह भी आरोप लगाया है, कि घोटाला की राशि 140 करोड़ से ज्यादा की है। ACB अफसरों के मुताबिक, पूर्व MD सहित अन्य आरोपियों तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा, मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कैलाश रूंगटा, उपाध्यक्ष पारसमल चोपड़ा और कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर की गिरफ्तारी जल्द होगी।
सरकार ने यह संकेत दिया है कि उसे घूसखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का इरादा है। साथ ही, लोगों को जागरूक करने और इस मामले में सामाजिक सहयोग प्रदान करने के लिए भी सरकार कदम उठाएगी। आम जनता को सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और समाज में न्याय और सच्चाई की भावना को स्थापित किया जाएगा।
इस मामले में जल्द ही कड़ी कार्यवाही की जाएगी, जिससे लोगों के बीच विश्वास और संतुष्टि की भावना बढ़ेगी। साथ ही, सार्वजनिक दृष्टिकोण से भी इस मामले में कार्यवाही की जाएगी ताकि समाज को साफ संदेश मिले कि भ्रष्टाचार को किसी भी रूप में सहन नहीं किया जा सकता।
यह घटना समाज में एक बड़ी चेतावनी है कि लोगों को सतत जागरूक रहना चाहिए और अपने हक की रक्षा करने के लिए साहस और संघर्ष करना चाहिए। साथ ही, सरकारी अधिकारियों को भी ईमानदारी और न्याय के प्रति पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए। इससे हम सभी मिलकर एक भ्रष्टाचार मुक्त समाज की ओर अग्रसर हो सकते हैं।