कंज्यूमर कार्नर
सकारात्मक विज्ञापन के नाम पर भद्दा मजाक बना फ़ोर्स फिट कैम्पेनिंग
सकारात्मक विज्ञापन के नाम पर आपकी मानसिकता से खेला जा रहा है।
यदि कोई शीर्ष कंपनी बच्चो की मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते हुवे भी कैम्पेनिंग कर रही है। जिसमे माता-पिता के सपनों मेहनत और त्याग को फोर्स या दबाव में दिखा कर बच्चों का तो दिल जीता जा रहा है।वही जाने अनजाने में माता -पिता को दबावकरी और नकारात्मक रूप से दिखाने की कोशिश की जा रही है। ये वही कोशिश है। जो की फिल्मों में प्यार करने वालों के माता पिता को ही खलनायक के रूप में दिखाया जाता रहा है। और आज परिणाम आ रहे है।
हालही में प्रोसेस फ़ूड उत्पादक दिग्गज कंपनी ने बच्चो के चॉकलेटेड शुगर ड्रिंक या कथाकथित हेल्थ ड्रिंक बोर्नविटा के विज्ञापन के नाम पर फ़ोर्स फिट ( दबाव अनुकूलता )को या परिजनों द्वारा बच्चो के कैरियर चुनने या बनाने में उनके सपनो और समझदारी को दबाव के रूप में दिखा कर विज्ञापन कैम्पेनिंग शुरू की है। हालाँकि कम्पनी खुद भी इस प्रयोग को लेकर निश्चित नहीं है इसीलिए इस विज्ञापन कैम्पेनिंग को कुछ शहरो के सुपर मॉल तक ही सिमित रखा है। यहाँ तक की मुख्य धारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से भी इसके लिए कोई विज्ञापन नहीं दिया गया है।
अपने विज्ञापन कैम्पेनिंग में बोर्नविटा के सामान्य पैकिंग के अलावा टॉयलेट क्लीनर ,साबुन ,और अंडे के खोल जैसे पैकिंग सामग्री के आकार में बोर्नविटा को पेश किया गया है। जो की दर्शाता है की परिजनों द्वारा एक काबिल बच्चे व पदार्थ जब जबरन किसी और आकार में ढाल दिया जाता है तो तो उसको लेकर उपभोक्ता और आम आदमी की क्या प्रतिक्रिया होगी। उसी प्रतिक्रिया को लेकर यह कैम्पेनिंग चलायी गयी। जो की अब तक के बोर्नविटा के विज्ञापनों से ही विरुद्ध थी।
कई बार देखा गया है, कि कई उत्पाद सकारात्मक विज्ञापन दिखा कर वर्ग विशेष का मजाक या वर्ग विशेष को शाब्दिक कटाक्ष करके अपने लक्षित ग्राहकों को साधने की कोशिश करते है।
विज्ञापन से हमारे मन और मस्तिष्क को लुभाने का प्रयास है ताकि उनके उत्पाद का का एक भ्रामित जानकारी ग्राहक तक रहे। इसलिए जब भी किसी विज्ञापन को देख कर कोई वस्तु ख़रीदे तो उसके पीछे लिखी सामग्री को देखे न की टीवी में दिखाए उनके दावों और वादों को जहन में लाये।