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खाद्य जुर्माने

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खाद्य व्यापार में होती घिनौनी और जानलेवा लापरवाहियां भारत में होटल ढाबों पर यहाँ तक की ट्रेन और हवाई जहाज में भी खाने पीने की सुविधाओं में  बार बार लापरवाही देखी जा सकती है। अंतरास्ट्रीय फ़ूड रेस्टोरेंट में भी घिनौनी और अमानवीय गलतियां देखी गई है।

ऐसा नहीं है की ये सब हमारे देश में ही हो रहा हो। कई विकसित देशों में भी आये दिन ऐसी लापरवाहियां होना आम बात है लेकिन वह पर इसके लिए भारी आर्थिक जुर्माना व क्षतिपूर्ति का प्रावधान है। जो की हमारे देश में कम ही देखने को मिलता है।

अमेरिका में बहुचर्चित मैकडॉनल्ड्स को स्वच्छता उल्लंघनों के तीन मामलों में 22600 डॉलर का जुर्माना लगाया गया। तीनो मामलों में एक मामला पैकेज बर्गर के डिब्बे में से जिन्दा चूहा निकलने का था।

बाकी मामलों में रसोई का या खाना बनाने के स्थल में गंदगी व अपशिष्ट  की निकासी को लेकर दोषी पाये जाने पर जुर्माना लगाया गया था।

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ऐसे ही कई मामलों में सबवे को इंग्लैंड में 15000 डॉलर 26400 डॉलर का जुर्माना लगाया गया.पिछले साल दुबई में भी ऐसे रेस्टोरेंट बंद किये गए थे जहां पर टॉयलेट में पका खाना बिक रहा था।

भारत में भी साल की शुरुआत में ही केरल में एक युवती की मौत के बाद संबंधित दुकानों को सील किया गया था। लेकिन उसके बाद क्या कार्यवाही हुई। उसको लेकर मिडिया में कोई खबर नहीं है।

फ़ूडमेन खाने के बाजार की उन खबरों और खतरों को आम जनता के सामने रखने की एक कोशिश है। ताकि आप अपने जीवन में स्वस्थ रहे। और भोजन व रेडीमेड भोजन के खतरों से सचेत रहे। हालाँकि भारत में खाद्य सुरक्षा एजेंसी भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण व पैकेज फ़ूड के लिए उचित कानून व्यवस्था है लेकिन सिस्टम और बाबुओ की मार का असर है। लेकिन जागरूक नागरिक न सिर्फ खुद के लिए बल्कि पुरे देश के लिए खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते है

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