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अमेजॉन पर फर्जी प्रसाद। श्री राम मंदिर के नाम का उपयोग।
उपभोक्ता प्राधिकरण ने अमेजॉन पर फर्जी प्रसाद बिक्री पर थमाया नोटिस।
22 जनवरी को श्री राम मंदिर का उद्घाटन कार्यक्रम है। और अमेजॉन पर फर्जी प्रसाद बेचा जा रहा है। आश्चर्य नहीं होना चाहिए। हमारे देश के व्यापारियों में कुछ ऐसे असामाजिक तत्व है। जिनका मकसद मात्र लाभ कमाने के लिए बड़े से बड़ा झूठ बोलने को तैयार रहते है। ऐसे में अमेजॉन जैसे बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इनको स्थानीय से ग्लोबल मौका देते है।
22 जनवरी श्री राम मंदिर के उद्धघाटन में व्यस्त केंद्र सरकार के अधिकारी उस समय अचंभित रह गए जब उनको ऑनलाइन श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का प्रसाद ऑनलाइन बिक्री की सबसे बड़ी कम्पनी अमेजॉन पर फर्जी प्रसाद बेचते पाया गया। हैरान कर देने वाली इस खबर का संज्ञान लेते हुवे केंद्रीय उपभोक्ता सरक्षण प्राधिकरण (CCPA ) ने अमेजॉन पर फर्जी प्रसाद बेचने के नाम पर भ्रामक विज्ञापन कर मिठाई बेचने के लिए अमेजॉन को नोटिस दिया है।यह कार्यवाही कार्न्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की एक शिकायत के आधार पर केंद्र सरकार के तहत आने वाले नियामक प्राधिकरण की ओर से की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अमेजॉन पर फर्जी प्रसाद राम मंदिर के प्रसाद के नाम से मिठाइयों की बिक्री कर रहा है।
आस्था के नाम पर इस देश में पहले से ही लूट और धोखेबाजी चल ही रही है। अब अमेजॉन जैसे बड़े ऑनलाइन मार्किट पर भी आस्थागत धोकेबाजी होती जा रही है। ऐसा पहली बार नहीं है की अमेजॉन पर धोका धड़ी के आरोप लगे है। वास्तविकता में अमेजॉन जैसे ऑनलाइन मार्किट मात्र ग्राहक और दुकानदार की बीच की कड़ी का काम करती है। जहां अमेजॉन अपनी नीतियों और जिम्मेदारी पर विक्रेताओं को अपना ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने देता है।
अमेजॉन पर फर्जी प्रसाद बेचने का यह पहला मामला नहीं इससे पूर्व भी अमेजॉन के बायर्स पर मोबाइल के नाम पर साबुन टिकिया ,पत्थर ,या खाली डब्बे आदि व नकली सामान भेजने की ग्राहकों से शिकायते मिलती रहती है। यह पहली बार है की केंद्र सरकार के कार्यक्रम व आस्था के नाम पर ग्राहकों को अमेजॉन के सहारे धोखा दिया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार उपभोक्ता प्राधिकरण ने अमेजॉन पर फर्जी प्रसाद बिक्री पर सात दिनों में जवाब मांगा है. साथ ही चेतावनी दी है कि जवाब देने में विफल रहने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस बीच, कंपनी ने कहा कि वे इस बारे में उचित कार्रवाई कर रहे हैं. सीसीपीए की ओर से बताया गया है, अधिकारियों ने देखा कि विभिन्न मिठाइयां/खाने की वस्तुएं अमेजॉन पर फर्जी प्रसाद पर बिक्री के लिए हैं, जिन्हें श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद होने का दावा किया गया है. आरोप है कि ग्राहकों को भ्रमित किया जा रहा है।
बिक्री के लिए अमेजॉन पर फर्जी प्रसाद पर लिमिटेड प्रोडक्ट्स पर ‘श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद- रघुपति घी लड्डू’, ‘अयोध्या राम मंदिर अयोध्या प्रसाद- खोया खोबी लड्डू’, ‘राम मंदिर अयोध्या प्रसाद – देसी गाय के दूध का पेड़ा’ लिखा हुआ है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ‘भ्रामक विज्ञापन’ पर प्रतिबंध लगाता है, जो ऐसे प्रोडेक्ट या सर्विस की गलत जानकारी देता है. उधर, अमेजॉन ने एक बयान में कहा कि कंपनी अपनी नीतियों के अनुसार उचित कार्रवाई कर रही है. अमेजॉन के प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि हमें कुछ विक्रेताओं की ओर से भ्रामक उत्पाद दावों और उनके उल्लंघन की जांच के संबंध में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) से कहा गया है।
केंद्रीय प्राधिकरण ने कहा कि इस तरह की भ्रामक जानकारी और सूचना ग्राहकों को प्रभावित करती है. उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 के नियम 4(3) के तहत, कोई भी ई-कॉमर्स इकाई अनुचित व्यापार व्यवहार नहीं कर सकता है।