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क्या देशों की कागज़ी मुद्रा में गौ मांस के अंश होते हैं ?
हमारे देश में मुद्रा यानी कागज के नोट को देवी लक्ष्मी का रूप मानते है। लेकिन आप को भी जानकर आश्चर्य होगा की कई देशों की मुद्रा यानी की कागजी या प्लास्टिक के नोटों में पशुओं की चर्बी ( Tallow ) का इस्तेमाल किया जाता है। इस बात की पुष्टि आप अपने अप्रवासी भारतीय ( NRI ) रिश्तेदारों से कर सकते है।
वर्ष 2016 में नोटों के ऊपर की बाहरी परत व सामग्री बनाने वाली कंपनी इनोविया सिक्योरिटी जो लगभग दो दर्जन से भी अधिक देशों की मुद्रा छापने की सामग्री बनाती है। अपने एक ईमेल के जवाब में कंपनी ने मुद्रा बनाने की सामग्री में गाय की चर्बी होने की बात स्वीकार की।
इस खुलासे के बाद इंग्लैंड के भारतीय धार्मिक लोगो हिन्दू जैन सिक्ख व शाकाहारी संगठनों ने वहां की सरकार से मुद्रा से गाय की चर्बी हटाने के लिए दबाव बनाया। हालाँकि अब इस बात को घटे पांच साल से भी अधिक समय हो गया है। उस वक़्त के हंगामे में भारतीय मुद्रा में भी पर भी उंगली उठी। लेकिन हिंदी भाषी मिडिया ने इसको लेकर कोई खबर नहीं दिखाई और ना ही ऐसे समाचार उस समय टीवी पर दिखाए गए।
अंग्रेजी भाषा में टेलो ( Tallow ) बीफ यानी गाय भैंस की चर्बी को कहा जाता है। और हमारे दैनिक जीवन में काम में आने वाले कई उत्पादों में यह मौजूद होता है। खास तौर से श्रृंगार उत्पादों में लिपस्टिक ,क्रीम ,लोशन आदि में तथा मोम से बानी कई तरह की सामग्री में ,तथा प्लास्टिक बनाने आदि में इसका का इस्तेमाल किया जाता है। सूअर की चर्बी को लार्ड ( Lard ) कहा जाता है।
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