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डेंगू के मरीज को प्लाज्मा की जगह चढ़ा मौसमी के ज्यूस की जांच ।खराब प्लाज्मा ही था । मरीज की गई जान ।
भारत में हर साल हजारो लोग गलत दवा या मानकों के विरुद्ध दवाओं के इस्तेमाल से मारे जाते रहे है। अब तक के आजाद भारत में देश के हर अस्पताल के कोने के इतिहास में लापरवाही और स्वीकृत मानकों को लाँघ कर कई दवाओं ने कई घरो के चिराग बुझाये है।मिडिया की माने तो दर्शक या पाठक चौंक कर उछल ही रहे होंगे। लेकिन वास्तविकता यही है की किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। जब तक कोई या कोई का अपना डेंगू से पीड़ित ना हो।या जिसने किसी अपने को ऐसी ही लापरवाही में खोया ना हो।
प्रयागराज डेंगू के मरीज को मौसमी का जूस चढाने से हुई मौत के मामले में अब खुलासा हुवा है तीन सदस्य दल ने जाँच में पाया की प्लेट्लेट के पैकेट में प्लेट्लेट ही थे लेकिन जरुरी मापदंडो और मानकों का ध्यान नहीं रखा गया तथा मरीज को दी जाने वाली दवाओं में भी अनियमिताएं पाई गई है।संबंधित निजी अस्पताल को सीज कर दिया गया है। तथा अब उस अस्पताल परिसर को ही अवैध होने के प्रमाण मिले है।अगले कुछ दिनों में अस्पताल पर बुलडोज़र चलने के समाचार मिल सकते है। अभी तक प्लेटलेट के पैकेट पैक होने के के स्थान का कोई पता नहीं चला है।और नहीं उस व्यक्ति का कोई पता चला जिसने प्लेटलेट बेचीं थी। हां लेकिन एक राहत की बात रही की प्लेट्लेट के पैकेट में प्लेट्लेट ही थी मौसमी का ज्यूस नहीं।वो बात अलग है की मानकों के अनुसार नहीं थी।
खद्यानो में भी नियम और मानकों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। छोटे दुकानदार और व्यापारी के यहाँ तो त्योहारी छापे पड़ते रहते है। लेकिन असली सफ़ेद पोश अपराधी आराम से अपने व्यापार में निर्विघ्न जारी है।खाद्य तेलों ,आटे में ,मसालों में.और प्रोसेस फ़ूड के पैकेट में भर भर के बीमारिया और मिलावट नाच गा कर आपको परोसी जा रही है। और जनता भी अपनी बीमारियों को अपनी ही करनी का फल मान कर भुगतने को भी तैयार है।
लेकिन क्या अब जगाने को तैयार है।
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