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रेडीमेड खाद्य पदार्थ से खाना पकाना हो सकता है जानलेवा
आज के फ्लेवर भरे युग में हर किसी को फ्लेवर ही चाहिए। नए नए जायके के लिए नए नए प्रयोग या तो घर पर या रेस्टोरेंट होटलो में किये जाते है।ऐसे में कई बार ऐसी गलतिया हो जाती है जिसका भुगतान ताउम्र करना पड़ता है। फ़ूडमेन आपका ध्यान उन घरेलु खाद्य प्रदार्थो पर लाना चाहता है। जो की हमारी रसोई में तो उपलब्ध है। लेकिन कई बार उनका प्रयोग में बहुत ही असावधानी से करते रहते है। जिसमे सबसे ज्यादा ब्रेड पिज्जा बर्गर के साथ खाया जाने वाला टमाटर का सॉस व कैचप आता है।
अक्सर देखा गया है की युवाओ द्वारा घर पर कुछ चटपटा बनाने में सॉस का उपयोग खाना बनाने के दौरान टमाटर की अनुपस्थिति और स्वाद बढ़ाने के लिए खाना पकाते समय उपयोग में लाते है। जबकी टमाटर सॉस और कैचप को कभी भी दोबारा गर्म नहीं करना चाहिए। इसका सरल सा कारण है फैक्ट्री में टमाटर का सॉस व कैचप पकने की प्रक्रिया के बाद में कुछ परिरक्षक मिलाये जाते है। ये परिरक्षक जैसे सोडियम बेंजोएट(E -211 ) या बेंज़ोइक एसिड ( E -210 ) तथा खाद्य रंग मिलाये जाते है।तथा खट्टे स्वाद वाले खाद्य पदार्थों में अम्लता नियंत्रक ( Acidity regulator ) डाले जाते है। ये सभी तत्व अधिक तापमान पर अस्थिर हो जाते है।तथा अन्य भोजन के घटको के साथ मिलकर कोई भी तरह की प्रतिक्रिया कर सकते है। जो स्वास्थ्य के लिए कोई भी हानिकारक तत्व बना सकता है।
इसलिए सॉस व कैचप तथा रेडीमेड चटनी आदि को किसी भी भोजन को बनाते समय उपयोग में नहीं लेना चाहिए। वैसे भी जितना हो सके रेडीमेड और डब्बा बंद भोजन के तत्वों का उपयोग कम से कम करना चाहिए। तथा ऐसे किसी भी खाने से बचना चाहिए जिसमे रेडीमेड सॉस ,कैचप या चटनी अचार पड़ता हो विशेष कर रेहड़ी और रेस्टोरेंट के भोजन ऐसे प्रयोग आमतौर पर किये जाते रहते है। सोया सॉस भी ऐसे ही प्रदार्थो की श्रेणी में आता है। जिसमे परिरक्षक व रंग मिलाये जाते है।
ये सभी रेडीमेड खाद्य खाने के साथ लगा कर खाने के लिए बने है। ना की खाना पकाते समय खाने में डालने के लिए। तथा यही नियम रेहड़ी और होटल से आये खाने के भी साथ अपनाये। इनसे लिए भोजन को दोबारा व बार बार गर्म न करे। हालांकि होटल का खाने में परिरक्षक नहीं होते लेकिन स्वाद और रंग के लिए ये लोग भी कई तरह के रसायन काम में लेते है ,जो की बार बार गर्म करने या ज्यादा तापमान में अस्थिर हो कर कोई अन्य तत्व बना लेते है। और इसका असर भी तुरंत ही खाने के स्वाद और खुशबू में आप महसूस कर सकते है। तथा ऐसा भोजन आपको बीमार और गंभीर बीमार कर सकता है।