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बिहार में केंद्र ने निफ्टेम ( NIFTEM ) संस्थान स्थापित करने के लिए दिया प्रस्ताव : फ़ूडमेन की विवेचना
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने जो तीसरे निफ्टेम ( NIFTEM ) केंद्रीय संस्थान के लिए बिहार को जो प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी व प्रबंधन और उद्यमशीलता में पूर्वी राज्यों के प्रचुर संसाधनों को एक नयी दिशा और मौके के तौर पर बिहार सरकार को लेना चाहिए।
अभी पूरे देश के बेहतरीन खाद्य प्रौद्योगिकी के संस्थानों में कुंडली सोनीपत का निफ्टेम और IIFPT तंजावुर के अलावा मैसूर स्थित CFTRI है जो की CSIR का एक अग्रणी व सबसे पुराना संस्थान है।
राज्य के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने इस पहल का स्वागत किया और कहा कि बिहार में निफ्टेम बनाने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएंगे। जुलाई में नई दिल्ली में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार और बिहार के मंत्री बीच हुई बैठक के दौरान इस पर चर्चा हुई।
फ़ूडमेन के सूत्रों से भी जानकारी मिली है कि भारत सरकार को निफ्टेम की 2005-6 से योजना का रूप देते देते पंद्रह वर्षों में तीन उच्च कोटि के संस्थान मिलने में एक लम्बा समय लग गया। भारत में लगभग पचास से अधिक सरकारी व् निजी विश्व विधालय फ़ूड साइंस व टेक्नोलॉजी की डिग्री से ले कर पोस्ट डिग्री और डॉक्ट्रेट की उपाधि देते हैं।
भारत जो की अपने 75 वे वर्ष में आज़ादी का अमृत महोस्तव मना रहा है और हमे गर्वे है कि भारत विश्व में लगभग सारे कृषि और फसल उत्पादन में प्रथम या दूसरा स्थान रखता है। किन्तु ये भी सत्य है कि भारत में आधुनिक उपकरणों व् टेक्नोलॉजी के अभाव में तीस % से ज्यादा रखबा बेकार हो जाता है। पंतनगर, पूसा और पंजाब के कृषि वैज्ञानिकों ने हरित क्रांति करके भारत को जरूर आत्मनिर्भर बनाया , और चुनौती भी दी कि भारत में उच्च कोटि के डिब्बाबंद और सुरक्षित प्रोसेस्ड फैक्ट्री और फ़ूड पार्क पुरे देश भर में लगें। जिससे भारत खाद्य और पेय पदार्थ का एक निर्यातक देश बन कर उभरे।