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सामक की इडली ।
मोटापे व पेट से जुड़ी बीमारियों के लिए एक बहुआयामी भोजन -सामक की इडली।
सामक की इडली कैसे बनाये ।
सामक की इडली एक बहुआयामी भोजन है। जो किसी भी बीमारी या अवस्था व किसी भी उम्र के लिए उपयोगी और लाभकारी भोजन है। जो नाश्ते व खाने में रोटी पराठे विकल्प के रूप में खाया जा सकता है।हालाँकि पुरानी मान्यता के चलते सामक को उपवास तक ही सीमित समझा जाता रहा है।सामक को भारत में कई नामों से पहचाना जाता है। इसे सांख। सवा समां सांवा ,सांवा चावल आदि नामो से जाना जाता है।अंग्रेजी में इसे बार्नयार्ड मिलेट कहा जाता है।
यहाँ तक की सामक को मात्र चावल की तरह उबाल कर ही खाया जाता है। सामक को अन्य किसी व्यंजन या रेसिपी के साथ जोड़ कर देखा ही नहीं गया। फ़ूडमेन अपने सत्तर पर खाने पीने के प्रयोग करता आया है। जिसमे सामक को लेकर कई प्रयोग किये गए।
जिसमे सामक को पीस कर रोटी बनायीं गई जो बहुत ही कड़क बनी। इसके अलावा सामक का हलवा भी बना कर देखा गया जो थोड़ा कम स्वादिष्ट लगा। सामक को पीसकर आटे से सामक की इडली बनायीं गई जो बहुत ही अच्छी बनी। हालाँकि सूजी और चावल दाल की इडली की तरह बहुत नरम तो नहीं बनी लेकिन बहुत ही स्वादिष्ट और खाने लायक बानी।
अब तक के इतिहास में सामक की इडली की चर्चा देखने को नहीं मिली है। ऐसे में लोहो को जब समक की इडली बना कर खाने के लिए कहा गया तो लोगो में अनसमझ जैसी प्रतिक्रिया देखने को मिली है।इसके विपरीत सामक की इडली बहुत ही स्वादिष्ट और लाभकारी भोजन है।
सामक की इडली कैसे बनाये
बहुत ही आसान है। सामक की इडली बनाने के लिए सामक को मोटा पीस लेवे तथा पानी या बेहतर परिणाम के लिए दही में आटे को इडली के बेटर की तरह गाढ़ा घोल बना कर इडली मेकर की सहायता से सामक की इडली बनाये।अथवा सामक को रात भर पानी में भीगो कर छोड़ देवे।व सुबह इसे मिक्सर ग्राइंडर में दरदरा होने तक पीस लेवे। फिर इस घोल को सामान्य इडली की तरह बनाये। इसको सब्जी या दाल किसी के भी साथ खाया जा सकता है।
फ़ूडमेन द्वारा एक प्रयोग किया गया जो आधिकारिक न हो कर एक सलाह के रूप में अलग अलग तरह के रोगियों को सामक की इडली खाने के लिए कहा गया । जिसमे मधुमेह,उच्च रक्तचाप तथा विशेष पेट में एसिडिटी अपच व पेट संबंधी रोगों और मोटापे से ग्रस्त लोगो को सलाह के रूप सामक की इडली का उपयोग रोटी के विकल्प में लेने को कहा गया।
इसके लिए फ़ूडमेन द्वारा बीकानेर (राजस्थान ) के दो मेडिकल स्टोर पर आने वाले रोगियों से बातचीत व चर्चा द्वारा रोगियों को सामक की इडली खाने के लिए प्रेरित किया गया तथा एक हफ्ते या 10 दिन के अंतराल बाद पुनः रोगियों से संपर्क किया गया। जिसमे से कई रोगियों ने पूर्ण रूप से सामक इडली पर अपना भोजन लिया व कइयों ने एक वक़्त सामक की इडली का सेवन किया।
लगभग सभी का अनुभव सुखद रहा विशेष रूप से पेट से जुड़ी बीमारी वाले जिनको कब्ज व बवासीर थी व मोटापे वाले रोगियों में सामक की इडली को लेकर अपने सराहनीय अनुभव बताये। हालाँकि ये कोई आधिकारिक सर्वे या कोई आधिकारिक परीक्षण नहीं था। खुद फ़ूडमेन से जुड़े लोगो को भी ये सब करने के लिए आग्रह किया गया। लगभग सभी को पेट में हल्कापन और ऐनर्जी लेवल में सकारात्मक परिणाम मिले।
हमारे समाज में खाने पीने को लेकर एक खास किस्म की सोच बनी हुई है। हम उपलब्ध खाद्य संसाधनों को उनके अलग रूप के बारे में सोच ही नहीं पाते है। हम बने बनाये वयंजनो में ही थोड़ा बहुत परिवर्तन करके इसे और भी ज्यादा टेस्टी या वीभत्स बना सकते है। जो की आप फ़ूड ब्लॉगर के विडिओ में देख सकते है। लेकिन लीक से हट कर स्वाद और स्वास्थ्य ढूढ़ने की कोशिश नहीं करते है। ऐसे और भी प्रयोग होने चाहिए जो खाने पीने की वैकल्पिक रेसिपी ढूंढ सके जो स्वादिष्ट भी हो और स्वस्थ वर्धक भी हो। फ़ूडमेन अपने पाठको को एक बार के लिए सामक की इडली को जरूर आजमाने के लिए कहना चाहेगा।