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बांके बिहारी मंदिर परिसर ,वृन्दावन के दुकानदारों को FSSAI की भोग स्कीम और फ़ूड सेफ्टी ट्रेनिंग का नहीं पता
ग्राउंड रिपोर्ट देश भर से हर त्यौहार की तरह होली की तैयारी वृन्दावन और बृज में अपनी छटा अलग ही बिखेरती है। फ़ूड मेन संवाद दाता हमेशा की तरह बृज में फ़ूड सेफ्टी का जायका लेने के लिए फील्ड में हैं। दुकान दारों से मिल कर दुकानों पर जा कर सही रिपोर्टिंग के लिए निकल चुके हैं. उन्हें जो मथुरा के पेड़े व् लस्सी की जो धमाल यंहा दिखी उससे ऐसा लगा कि मथुरा के कारीगर पेड़े को कई प्रकार से बनाना जानते हैं। शक्कर कम ज्यादा ,खोआ ज्यादा चीनी कम ,चीनी ज्यादा, खोआ कम , और भी न जाने क्या क्या।
जब हमने अपना परिचय दिया तो कुछ ने तो कुंठा में मुंह से निकल ही दिया कि यदि आप मिलावट खोजने निकले हो तो हम आपको चुनौती देते हैं कि आप सेम्पल भरो , सबका माल नकली निकलेगा। जब हमने पूछा कि त्यौहार की पेशगी पहुँच गयी तो उन्होंने मना नहीं किया। हमने नकली पेड़े की वजाह उनसे बनते हुए कारखाने को गुप्तता पर बात की तो वो मुकर गए।
जब हमने फ़ूड सेफ्टी अथॉरिटी के लाइसेंस की बात की तो उन्होंने अपना लाइसेंस और फीस वगरैह सब बता दिया किन्तु जब हमने कहा की बिना सीखे तुम ये काम कैसे कर रहे हो तो उन्हें कुछ अजीब लगा। जब उन्हें हमने फोस्टक ट्रेनिंग के बारे में बताया तो उन्होंने ऐसी किसी ट्रेनिंग के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की। सही है चड्डीदारी फ़ूड सेफ्टी अफसर जिन्होंने रात भर जग कर परीक्षा पास की है , जो कि गरीबी में साठ हज़ार से ज्याद नहीं पाते उन्हें मॅहगाई में अपने बच्चे पालने के लिए एक्स्ट्रा इनकम की बहुत जरुरी है।
खैर हम इससे ज्यादा कुछ नहीं छाप सकते। भोग स्कीम की जानकारी भी सेवायतों को शायद नहीं है किन्तु उत्तर प्रदेश FDA के अजेंडे में भोग सर्टिफिकेशन जरूर है, ऐसा समाचारों में है ।