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एंटीऑक्सीडेंट

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क्या होते है एंटीऑक्सीडेंट ? कैसे करते है काम ?

एंटीऑक्सीडेंट हम हर रोज किसी न किसी रूप में सुनते व उपभोग करते है

एंटीऑक्सीडेंट हम हर रोज किसी न किसी रूप में सुनते व उपभोग करते है। लेकिन एंटीऑक्सीडेंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है।  एंटीऑक्सीडेंट को समझने के लिए ऑक्सीडेंट को समझना होगा। “ऑक्सीडेंट”  ऑक्सीजन के वह अणु होते है जो  किसी भी कारण से इलेक्ट्रॉन मुक्त या अपने इलेक्ट्रॉन खो देते है।  तथा किसी भी अणु के साथ जुड़कर या उसके इलेक्ट्रॉन अवशोषित कर लेते है।

जिससे एक नए तरह के अणु बन जाता है। तथा जिस अणु से इलेक्ट्रॉन अवशोषित हुवा है वो किसी और अणु से इलेक्ट्रॉन की पूर्ति करता है और यह क्रम चलता रहता है।ऑक्सीडेंट का एक मुख्य प्रभाव यह है कि वे मुक्त कण(फ्री रेडिकल्स ) उत्पन्न कर सकते हैं। मुक्त कण वे होते हैं जिनमें अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं और वे शरीर में नुकसान पहुंचा सकते हैं, क्योंकि वे कोशिकाओं के अंदर विभिन्न प्रकार के कार्यों को प्रभावित कर सकते हैं।इन्ही तत्वों को अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन दे कर या ले कर इन अणुओं को निष्क्रिय करने वाले पदार्थों को ही एंटीऑक्सीडेंट कहा जाता है 


इसलिए, हमारे शरीर में ऑक्सीडेंट के प्रभाव को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है। अपने आहार में एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करके आप अपने शरीर को ऑक्सीकरण के नकारात्मक प्रभावों से बचा सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

ऑक्सीडेशन से क्या होता है _  सरल भाषा में कहे तो हमारे वातावरण में ऑक्सीजन भरपूर है और हर स्थान पर है।  ऑक्सीजन के कण बहुत ही प्रतिक्रियात्मक होते है। तथा अवसर मिलते ही दूसरे तत्वों के साथ प्रतिक्रिया आरम्भ कर देते है। जिसे ऑक्सीडेशन कहते है। आपने ने देखा होगा की  सेव को काट कर रखने पर उस पर  धीरे धीरे  हल्का कालापन आ जाता है। यानि की हवा में मौजूद ऑक्सीज़न सेव के तत्वों में ऑक्साइड बनाना शुरू  कर देती है और कुछ देर बाद कटा हुवा सेव खाने के लिए उपयुक्त नहीं रहता है।

वातावरण  वाले इसी प्रक्रिया को रोकने के लिए एंटीऑक्सीडेंट  तत्वों का उपयोग होता है। 

तैयार उत्पाद की पैकिंग भी ऑक्सीडेशन को रोकती है। लेकिन सावधानी और उत्पाद की सुरक्षा हेतु एंटीऑक्सीडेंट का उपयोग होता है। विशेष के द्रव्य उत्पादों व वसा युक्त उत्पादों में एंटीऑक्सीडेंट तत्वों का उपयोग होता है। उत्पाद में खाद्य अवयवों की उपस्थिति भी उत्पाद को बदल सकती है। एंटीऑक्सीडेंट  उन अवयव की उपस्थिति में भी उत्पाद को ख़राब होने से बचाते है। एक और तथ्य ये भी है की एंटीऑक्सीडेंट प्राय कोई न कोई विटामिन या पोषक तत्व होते है। अधिकतर वसा संबंधी उत्पादों जैसे कॉस्मेटिक क्रीम या लोशन ,तेल घी मक्खन आदि में   में विटामिन ई व सी का उपयोग होता है। 

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एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए जितना हो सके उतना प्राकृतिक रूप से विटामिन व अन्य पोषक तत्वों का उपयोग करना चाहिए। इन तत्वों की अधिकता भी शरीर के लिए नुकसानदायक भी हो सकती  है। अधिक मात्रा में पोषक तत्व शरीर की उन कोशिकाओं के लिए भी पोषण देने का काम करते है। जिसकी जरूरत शरीर में नहीं होती। और कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो जाती है। 

हाल ही में हुए कई पश्चिमी देशो के शोध और रिसर्च से पता चला है की अत्यधिक या जरूरत से ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट कैंसर ,पेट के कैंसर ,बवासीर ,जैसी कई पेट सम्बन्धी कैंसर के कारक भी हो सकते है। तथा कई तरह से शारीरिक बीमारियों के लिए जिम्मेदार हो सकते है। कैंसर के इलाज में काम आने वाली कई दवाएं एंटी एंटीऑक्सीडेंट व एंटी विटामिन होती है।

गठिये के इलाज में भी एंटी विटामिन दवाओं का उपयोग किया जाता है। आज कई एंटीऑक्सीडेंट दवाओं का प्रचार प्रसार अखबारों और ब्लॉग व इंटरनेट के माध्यम से किया जा रहा है। ऐसे में आप को कौन सा एंटीऑक्सीडेंट लेना चाहिए इसके लिए आप को अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करना चाहिए। 

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