फ़ूड लेबल : इ कोडिंग के सच
ब्रिलियंट ब्लू (Brilliant blue FCF ) – E -133
ब्रिलियंट ब्लू -कृत्रिम रंजक हमारे जीवन बदरंग किये हुये है।
नीले रंग से हमारा आकर्षण और उत्सुकता मानव जीवन की शुरुआत से ही है। आसमान का नीलापन हो या नीला समंदर , नीला तालाब हो या झील ,या झील सी नीली आँखे हो।
बिना कलर के फ़ूड प्रोसेसिंग अधूरी है , ग्राहक को नहीं आकर्षित कर पाती।
प्रोसेस फ़ूड इंडस्ट्री में नीला रंग कुदरती नहीं होता है। इसके लिए ब्लू डाई या ब्रिलियंट ब्लू E -133 का उपयोग होता है। उत्पाद की सामग्री में इसको E -133 ,FD&C Blue no 1,Acid blue ,food blue आदि से लिखा या दर्शाया जाता है। ये खाद्य नीला रंग पूर्णतया कृत्रिम व सिंथेटिक होता है। जो शरीर में किसी भी रूप से स्वीकार्य नहीं होता है।
फिर भी 5% तक आंतो और जीभ द्वारा ये रक्त की मुख्य धारा में चला जाता है जो की हानिकारक है शेष 95% शरीर द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।
ये नीला रंग आइस क्रीम, सोडा ड्रिंक ,फ्रूट ज्यूस ,जेम जैली ,माउथवॉश ,सेनेटाइजर ,केंडी व उन सभी खाद्य उत्पाद जिनका रंग चटक नीला या हल्का नीला होता है। ब्रिलियंट ब्लू में टारट्रेजिन मिला कर हरे रंग को बनाया जाता है। ब्रिलियंट ब्लू नीला रंग पेय पदार्थों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। निर्धारित मात्रा में इसे सुरक्षित माना जाता है।
ब्रिलियंट ब्लू की अधिकता से गांठे, आंतों में घाव अस्थमा व अतिसंवेदनशीलता तरह के शारीरिक नुकसान हो सकते है। वही कुछ विशेषज्ञों ने चूहों पर किये शोध के बाद इसको कैंसर कारक भी माना है। खाद्य उत्पादों में खाद्य कृत्रिम खाद्य रंजक हमेशा संदेह के दायरे में रहे है। वैश्विक व्यापार मंडलो की दखल और स्थिर खाद्य प्राकृतिक रंजको के अभाव में कृत्रिम रंजक हमारे जीवन बदरंग किये हुये है।