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खाद्य सुरक्षा दिवस और खाद्य सुरक्षा 

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बीमारियों से घिरे जीवन में हम किसके भरोसे खा रहे है 

आज  विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस है। खाद्य सुरक्षा का मतलब खाद्य की सुरक्षा नहीं बल्कि खाद्य से होने वाले नुकसान से सुरक्षा के विषय पर जनता का ध्यान आकर्षित करना है।आज भी भारत में हर रोज 2 से 3 लोग खाद्य लापरवाही या फ़ूड पॉइज़निंग से मारे जाते है। तथा हर रोज हजारो लोग खाने पीने की लापरवाही से बीमार व जीवनशैली रोगो की गिरफ्त में आते है। 

फ़ूडमेन हमेशा से अपने पाठको के लिए भोजन से होने वाले नुकसान व समाचारो के जरिये जनता को यही समझाने की कोशिश की है की आज समाज में इतने रोगियों की संख्या बढ़ रही है। कहीं तो ठहर कर इस विषय पर सोचने की जरूरत है। क्या हमारा सारा जीवन बहुराष्ट्रीय कंपनियां ही तय करेंगी ? 

आज छोटे छोटे बच्चो को एलर्जी अस्थमा और वो बीमारियां जो बुढ़ापे में होती थी आज नौजवान और छोटे बच्चो में देखी जा रही है। सम्पन्न परिवारों में भी बच्चे कुपोषित या जन्म से ही विकलांग या मंदबुद्धि पैदा हो रहे है। सबसे ज्यादा प्रभावित मिडिल क्लास वर्ग है। जिनके जीवन में शुरुवात से ही पाचन संबंधी समस्याएं 25 की उम्र में एलर्जी और ब्लड प्रेशर की दवा शुरू हो जाती है। 30 तक डायबिटीज और 35 तक किडनी या लिवर सम्बन्धी बीमारिया और 40 तक आते आते प्रोस्टेड और डाइलेसिस बाईपास सर्जरी या स्टंट लगवाने पड़ जाते है। 50 के बाद जीवन में सिर्फ दवाईयां और हॉस्पिटल ही जीवन का एक अटूट हिस्सा बन जाता है।और अंत भी किसी सरकारी अस्पताल की खटिया या निजी अस्पताल के वेंटिलेटर पर निश्चित किया जा रहा है 

 इन सब के अलावा कई गंभीर रोग से घिरे जीवन में क्या हम इनके कारणों और वजहों पर विचार नहीं कर सकते। जो परहेज बीमारी के बाद करने है उन्ही परहेजों को सामान्य जीवन से जोड़ कर क्या हम इन बीमारियों से नहीं बच सकते है।अपने साधारण जीवन में छोटे छोटे बदलाव करके हम न सिर्फ अपने स्वास्थ्य को बनाए रख सकते है। बल्कि भविष्य में अपने पैसों को भी बचा सकते है जो इन बीमारियों के इलाज में लगते है।सरकारी योजना  सुनने में समस्या का समाधान लगती है। लेकिन एक कई नई समस्याएं अपने साथ ही लाती है।क्या अब हमें खुद से ही अपनी खाद्य सम्बन्धी समस्याओ के लिए तैयार हो जाना चाहिए। तैयार होना ही पड़ेगा। 

फ़ूडमेन अपने उद्देश्य खाद्य सुरक्षा व खाद्य से सुरक्षा के लिए अग्रसर है। आप भी हमारे साथ जुड़ कर ख़राब होती खाद्य सुरक्षा को पुनः ठीक करने में सहयोग दे सकते है। अपने विचार सुझाव व शिकायत वेबसाइट के कॉमेंट में डाले तथा अपना ईमेल और मोबाइल नंबर जरूर डाले। हम आपके विचारों सुझावों और शिकायतों से डेटा बनाकर सरकार व सुप्रीम कोर्ट के आगे अपील करेंगे की कोई ठोस कदम उठा कर हर जनमानस के स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाये। 

 

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