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विज्ञापनों से झड़ते बाल क्या फिर से आ सकते हैं? एक बड़ा मार्केट तैयार है।
क्या आपके बाल झड़ते है ?अगर झड़ते है तो आप भी मनुष्यो की धरती पर उपलब्ध जनसंख्या के 99.99 प्रतिशत साधारण लोगो में से एक है।0.1 प्रतिशत लोग ही किसी जेनेटिक या अन्य जन्मजातीय कारणों के कारण बाल झड़ते है या गंजापन है।
शेष सभी टेलीविजन और दूसरे विज्ञापन माध्यमों का शिकार है। जिनको झड़ते बालो की परेशानी कंघी के साथ तथा उत्पाद के उपयोग के बाद साफ़ कंघी का सपना दिखाया जाता है। केश सौन्दर्य के नाम पर दशकों से महिलाओ और पुरुषो को ठगा जा रहा है। बाल झड़ने के सबसे प्रमुख कारणों में केश सौन्दर्य उत्पाद ही होते है।
विज्ञापनों के जरिये बालो का झड़ना या रुसी (डेन्ड्रफ) के नाम पर इतना डरा दिया जाता है। दर्शक उपभोक्ता बन ही जाता है। केश सौन्दर्य के उत्पादों से भी जब दिखाए हुवे परिणाम नहीं मिलते तो उपभोक्ता विज्ञापित कथा कथित केश विशेषज्ञ व वैज्ञानिको की क्लिनिक तक पहुंच जाते है। या चर्म रोग विशेषज्ञों के पास पहुंच जाते है।
इसे ही विज्ञापनों द्वारा रचित मनोविकार तथा बालो के मामले में पेलाडोफोबिआ( Peladophobia) तथा अन्य को ट्रीकोफोबिआ ( Trichophobia ) कहा जाता है। जिसमे बालो के झड़ने और गंजे होने के दर में आम इंसान अवसाद और तनाव में आ जाता है.जिससे बालो का झड़ना और बढ़ जाता है तथा अन्य तरह के विकार उत्पन्न होने लगते है।
विज्ञापनों का उद्देशय आपको प्रेरित करना होता है।लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और रचनात्मकता के नाम पर जो डर और मनोविकार बच्चो और युवाओ की चेतना में घुसाया जा रहा है। वो अब खतरनाक और जहरीला हो चला है।
बालो की देखभाल के नाम पर महिलाये मुख्य रूप से निशाने पर रहती है।जबकि ऐसे किसी भी तेल या शेम्पू या सीरम से बालो को पोषण नहीं पहुंचाया जा सकता है।इनसे बालो को रेशमी या चमकदार ही बनाया जा सकता है।
बाल हमारे शरीर की मृत कोशिकाओं से बनते है। इनमे किसी भी तरह से जीवित होने की कोई सम्भावना नहीं होती है। लेकिन शरीर को सही मात्रा में पोषक भोजन दे कर इनका झड़ना कम किया जा सकता है।साधारण स्थिति में किसी भी इंसान के बालो का झड़ना तथा टूटना रोक पाना नामुमकिन है। क्योंकी मृत को सजाया जा सकता है लेकिन संवर्धन नहीं किया जा सकता है।
फ़ूडमेन की सलाह है कि फालतू के उत्पादों से बालो को बचाना चाहिए। बालो को संवारने और सजाने के देशी तरीके जैसे नारियल या आंवला या आयुर्वेदिक तेल आदी लगाना। व आयुर्वेदिक उत्पादों का उपयोग करे जिनमे हानिकारक रसायन ना हो। जिससे आपके बाल भी सुरक्षित रहे और त्वचा भी सुरक्षित रहे।
याद रहे बाल झड़ने की कई वजह हो सकती है जिनमे से ऋतू परिवर्तन,खान पान में बदलाव व जगह परिवर्तन और हार्मोन में गड़बड़ी आदी हो सकती है।साथ ही महिलाओ में गीले बाल सुखाने के तरीको से भी बालो का झड़ना बढ़ सकता है जिनका ईलाज घरेलू या आयुर्वेदिक तरीको और बाल सँवारने के तरीको में बदलाव करके किया जा सकता है बालो के ऊपर या खोपड़ी पर कुछ भी लगाने से कोई खास फायदा नहीं होता है।जब भी कंघी करेंगे तो स्वभाविक रूप से बाल टूटेंगे ही टूटेंगे। इस लिए विज्ञापनों द्वारा दिखाई और दर्शायी गई काल्पनिक समस्याओ पर ध्यान ना दे। स्वस्थ खाये स्वस्थ रहे।
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HEMANT BHATI 9588060700