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डाइऑक्सिन (Dioxin), एक खतरनाक जहर
थाली /भोजन में छुपे जहर (भाग 5)
डाइऑक्सिन किसी एक जहर का नाम नहीं बल्कि एक केमिकल ग्रुप का नाम है जो बहुत ही जहरीले होते है। डाइऑक्सिन को अमर तत्व (Forever Chemical ) भी कहा जाता है। हालांकि सन 2001 के बाद से इसे बनाना वैश्विक रूप से प्रतिबंधित है। लेकिन प्राकृतिक रूप से भी डाइऑक्सिन बनते है। प्राकृतिक रूप से किसी भी वस्तु के जलने से ये तत्व बन जाते है।
कचरे के ढेर की आग में फेक्ट्रियो और कार से निकलते धुएं रसोई के चूल्हे और सिगरेट और बीड़ी के जलने और उसके धुएं में डाइऑक्सिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। डाइऑक्सिन पानी में नहीं घुलते लेकिन वसा के साथ घुल जाते है जो इनको और भी खतरनाक बनाता है। डाइऑक्सिन हमारे शरीर में हमारे जींस तक को बदलने की ताकत रखता है जिसके चलते जन्मजातीय शारीरिक विकृति आ जाती है व गर्भपात भी हो सकता है।
डाइऑक्सिन तत्व कैंसर कारक होते है। डाइऑक्सिन हमारे शरीर की वसा के साथ घुल जाता है और ये सक्रिय रूप से 5 से 10 साल तक शरीर में रहते हैं।
डाइऑक्सिन हमारे खाने पीने की वस्तुओ से हमारे शरीर में आ जाते है, ये जहर प्रोसेस फ़ूड में कम मात्रा में पाए जाते है। विशेषत : उन प्रोसेस फ़ूड में पाए जाते है जिनको सफ़ेद दिखाने के लिए ब्लीचिंग एजेंट का इस्तमाल क्लोरीन के रूप में किया गया हो। इसके अलावा यह टिशू पेपर , कॉफी फ़िल्टर पेपर ,सेनेट्री नेपकिन ,बच्चो और बड़ो के डाइपर आदि में पाए जाते है।
इतिहास में डाइऑक्सिन का इस्तेमाल रासायनिक हथियारों के रूप में किया जाता था। सन 1962 से 1971 के अमेरिका वियतनाम युद्ध में लाखों लीटर कई तरह के डाइऑक्सिन का इस्तेमाल किया गया था। जिसे रेंबोव हर्बीसाइड कहा गया। अमेरिकन हवाईजहाजों ने वियतनाम की फसलों और खाद्य भण्डारण व छिपने के ठिकानो को निशाने पर रख कर इसका छिड़काव किया। जिसका असर आज भी वियतनामी भुगत रहे हैं।
इस युद्ध में सबसे चर्चित डाइऑक्सिन था एजेंट ऑरेंज यानी TCDD( Tetra Chloro Dibenzo Dioxin)रहा था।हालाँकि इस युद्ध में कई तरह के डाइऑक्सिन का प्रयोग भी हुआ था।
आज के परिपेक्ष में डाइऑक्सिन लगभग हर कहीं मौजूद है। और हर दिन इसकी मात्रा बढ़ती जा रही है।