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ब्लॉग :नमक का नशा
बॉलीवुड फिल्म ओमकारा में गुलजार का लिखा गाना तो सबने सुना ही होगा “जुबां पे लागा रे नमक इश्क का “
आज के युवाओं में नमक का इश्क किस तरह हावी हो रहा है कि इसका नशा ही कहेंगे। पहले समझते है नमक के बारे में – हर भाषा में नमक के कई नाम है नमक का एक समृद्ध इतिहास है आजादी से पहले नमक से पैसा कमाने के लिए अंग्रेज अपने कानून और टैक्स लेकर आये थे जिसको देखते हुये गांधीजी ने नमक सत्याग्रह किया। उसी नमक को कांग्रेस सरकार ने कुपोषण को दूर करने के लिए आयोडीन युक्त करके कॉर्पोरेट कम्पनी को थमा दिया। भारत में खाद्य नमक आयोडीन युक्त होना अनिवार्य है।
हमें जीने के लिए दैनिक जरूरत में 500 मिली ग्राम ही यानी आधा ग्राम ही पर्याप्त है वहीं चिकित्सा विज्ञान और खाद्य विज्ञान के अनुसार एक ग्राम से 2 ग्राम लेना सुरक्षित है भारतीय परिपेक्ष में देखा जाये तो एक आम आदमी दिनभर में 4 ग्राम से भी ज्यादा यानि 4 चम्मच नमक खा लेता है जो की अलग अलग आधार पर दो गुना या तीन गुणा है।
चौंक गये ? जाने अनजाने नमक जरूरत से भी ज्यादा दिन भर में पेट में जा रहा है वो आप समझें।
अब आप ये सोच रहे होंगे घर में तो पूरे महीने 1 किलो नमक लगता है वो भी 4 सदस्यों के परिवार में तो उसके मुताबिक तो 1 ग्राम नमक ही दैनिक हुआ , तो बाकी का नमक कहां से खाया ?
प्राकृतिक रूप से नमक हर खाद्य पदार्थ में मिलता है और दो या तीन समय के भोजन के अलावा और भी खाद्य पदार्थ है जिनको हम दैनिक रूप से लेते रहते हैं क्यों की ये जरुरी नहीं के हर नमकीन चीज में ही नमक हो सुबह की ब्रेड हो या चॉकलेट ,या चॉकलेट बिस्कीट पैक फ्रूट ज्यूस हो या कोल्ड ड्रिंक ,सब में नमक की मात्रा डली हुई है.
मतलब आपके घर के दैनिक नमक उपभोग के साथ साथ जो भी प्रोसेस फ़ूड या घर के बाहर का खाना आप खाते हे उसका स्वाद भले ही मीठा हो नमक जरूर होता है।
इसका मुख्य कारण आसान भाषा में समझते है नमक प्राकृतिक रूप से प्रिजर्वेटिव का काम करता है वही मानव विकास में नमक के स्वाद को लेकर दिमाग में विशेष प्रतिक्रिया या कहे एक संतुष्टि का अहसास होता है मानव के इसी स्वभाव के कारण प्रोसेस फ़ूड इंडस्ट्री भी जम कर नमक का उपयोग करती है।
नमक वसा (स्टार्च ) के साथ घुल जाता है जिससे इसका नमकीन स्वाद कम हो जाता है इसलिए आप के आलू चिप्स और फ्रेंच फ्राइज में नमक बहुत ज्यादा होता है।
वही नमक चीनी और वसा के साथ मिल कर उमामी स्वाद उत्पन्न करता है जिससे खाने के लिए आप का मन और करता है प्रोसेस फ़ूड इंडस्ट्री और सड़क किनारे लगा गोलगप्पे और आलू टिक्की वाला इसी उममी स्वाद को बढ़ाने के लिए कुख्यात MSG (Mono Sodium Glutamate) आम भाषा में चाइनीज नमक या जापानी नमक का उपयोग करते है। जिससे आप के शरीर में जरूरत से दो गुणा ज्यादा नमक आ जाता है और ज्यादा नमक से होने वाली कथाकथित जीवनशैली बीमारियां आपको घेर लेती है।
इसलिए जब भी पैक फ़ूड खाये पीये तो उसमे कितना नमक है जरूर देखे , जरुरत से ज्यादा कोई भी नमक कितने ही अच्छी किस्म या ब्रांड का ही हो शरीर के लिए घातक हे मात्र जुबान के नशे के लिए जीवन को दाव पर ना लगाए।