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अमेरिका को चीनी कम करने का कानून मिल सकता है। हमें भी एक चाहिए!

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(फ़ूड नेट इंडिया , हमारी सहयोगी मीडिया सहयोगी  के सहयोग से )  

डिब्बाबंद भोजन और पेय पदार्थों में  मिठास में 20-40 प्रतिशत की कमी से अमेरिका में 25 लाख दिल के दौरे को रोका जा सकेगा।

यह हार्वर्ड, टफ्ट्स और न्यूयॉर्क शहर के स्वास्थ्य और मानसिक स्वच्छता विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार है। यह अध्ययन पैकेज्ड फूड में  मिठास की मात्रा को 20 प्रतिशत और मीठे पेय पदार्थों में 40 प्रतिशत तक कम करने की प्रस्तावित नीति के संभावित प्रभाव पर था। वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला कि यह नीति लगभग 2.5 मिलियन दिल के दौरे, स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट को कम करने, 750,000 मधुमेह के मामलों को रोकने और लगभग 490,000 हृदय संबंधी मौतों को कम करने में मदद कर सकती है।

छिपी हुई मिठास यानी की उत्पाद में चीनी के अलावा कृत्रिम मिठास के तत्व भी है। जिनके कई नाम व प्रकार है। लेकिन जानकारी के आभाव में सामान्य व्यक्ति उसे पहचान या समझ नहीं पाता है।

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ये कटौती औसत वयस्क आबादी के जीवनकाल में होगी, और स्वास्थ्य देखभाल की लागत में अरबों डॉलर की बचत भी होगी।

हमारा मानना है  कि कई पैकेज्ड फूड में ‘छिपी हुई  मिठास’ को देखते हुए इस तरह की नीति भारत में भी लागू की जानी चाहिए। हालांकि,  आम धारणा के विपरीत, गुड़ और शहद अभी  चीनी के सुरक्षित विकल्प बताये जाते  हैं।

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