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भारत में बढ़ रहा है नकली दूध का खतरा।
अलवर में भारी मात्रा में सोर्बिटोल बरामद
भारत में दूध और पशुपालकों की खस्ता हालत किसी के लिए चिंता का विषय नहीं है। सिर्फ चुनावी माहौल और भाषणों में ही इनकों जगह मिलती है। हालाँकि दूध के भाव पिछले 9 सालो की मोदी सरकार में पिछली सरकारों से ज्यादा प्रतिशत में बढे है। दूध के दाम बढ़ने का मतलब ये नहीं की पशुपालक की कमाई भी बढ़ गई है। लम्पी ने पशुपालको की कमर तोड़ कर रख दी वही पशु आहार व पशु चारे के दामों में दोगुना और तीन गुना तक उछाल देखने को मिले है।देखने में लगता यही है की पशुपालको को दूध के बढे दाम मिल रहे हे जबकि सचाई ये है की जितने दाम बढे है उससे भी ज्यादा पशुपालको की लागत बढ़ी है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक दूध व्यापार में भारत में 40% तक दूध का आयात किया जा रहा है।दूध के आयात से मतलब ये है की सूखे दूध पाउडर एसएनएफ (S.N.F ) आदि रूपों में दूध का आयात किया जा रहा है। और इसी आयातित दूध पाउडर से दूध कॉर्पोरेट और दूध बेचने वाली कंपनियां लगातार दूध की सप्लाई बनाये हुवे है। दूध माफिया भी इसी दूध पाउडर का उपयोग नकली डेयरी उत्पाद बनाने में कर रहा है। और बेखौफ जनता के जीवन से खिलवाड़ जारी है।
सिर्फ राजस्थान के संदर्भ में इसी साल की मिडिया रिपोर्ट देखे तो हालात समझ में आ सकते है।राजस्थान के अलवर जिले में पिछले 6 महीनों से सरस डेयरी व खाद्य विभाग द्वारा हजारो लीटर नकली दूध बरामद कर नष्ट किया गया। अलवर से दूध कई इलाको और सरस डेयरी व गुजरात के अमूल दूध के प्लांट्स तक पहुँच रहा है। इसमें सबसे चौंका देने वाली बात यह है की नकली दूध में पाम आयल या डिटर्जेंट ,यूरिया आदि नहीं बल्कि सोर्बिटोल जैसे तत्वों से नकली दूध बनाया जा रहा था। सोर्बिटोल का उपयोग कब्ज की दवा बनाने व औधोगिक रूप से काम में लिया जाता है। लेकिन सोर्बिटोल बाजार में मिलने वाले पाम ऑयल की तरह खुले बाजार में नहीं बिकता है। यह औधोगिक इकाई या दवा फैक्ट्री को ही मिल सकता है। अलवर खाद्य विभाग की कार्यवाही में हजारो लीटर सोर्बिटोल पकड़ा व नष्ट किया गया है। अलवर में ग्रामीण इलाको से यह जप्त किया गया है। सबसे बड़ा प्रश्न ही यही है की ग्रामीणों को किसने सोर्बिटोल से नकली दूध बनाने का फार्मूला सिखाया और इतनी बड़ी मात्रा में सोर्बिटोल कौन सप्लाई कर रहा है। सिर्फ अलवर में ही नहीं भारत के हर इलाके में नकली दूध की पहुंच बनीं हुई है।तथा सोर्बिटोल के साथ साथ अन्य केमिकल क्या क्या नुकसान पहुंचा सकते है। और गर्म करने पर यह कितना खतरनाक हो सकता है ?
सोर्बिटोल से बना नकली दूध इंसानी ज्ञानेन्द्रियो को तो धोखा देता ही है साथ में उपलब्ध दूध जाँचने की मशीनों को भी धोखा दे सकता है।जैसे जैसे दूध जांच की मशीन विकसित हो रही है दूध माफिया भी नए नए तरीकों की खोज नकली दूध बनाने के लिए कर रहे है।
कौशल किशोर मिश्र
30 May 2023 at 10:33 am
कृपया यह भी बतायें कि आम ग्राहक साॅर्बिटोल वाले दूध को कैसे पहचान सकेगा। समस्या के समाधान पर भी चर्चा अपेक्षित है।
HEMANT BATI
6 June 2023 at 12:16 pm
we working on it ,