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हर दुकान पर क्यों लिखा रहता है “मुरैना की प्रसिद्ध गजक
गजक क्यों फेमस है
मुरैना की गजक के नाम से पूरे देशभर में गजक बेची जाती है, तो कभी आपने सोचा है कि आखिर वहां की गजक क्यों फेमस है और इस गजक में क्या खास है, जिस वजह से इसे काफी पसंद किया जाता है. गजक को सर्दी का टनिक भी कहते हैं ।
हर दुकानदार का दावा होता है कि वो मुरैना की गजक बनाते हैं और मुरैना के नाम से बेचा जाता है. लेकिन कभी आपने सोचा है कि आखिर मुरैना में ऐसा क्या है कि वहां की गजक इतनी फेमस है. सर्दी में हर कोई गजक खाना पसंद करता है, लेकिन क्या जानता है कि मुरैना की गजक क्यों फेमस होती है और इसे किस तरह से बनाया जाता है।
फेमस है मुरैना की गजक?
मुरैना की गजक के बारे में बताने से पहले आपको बताते हैं कि आखिर ये मुरैना है कहां, जिसके बाद आप अच्छे से समझ पाएंगे कि यहां की गजक क्यों फेमस होती है. मुरैना मध्य प्रदेश में है और चंबल वाले इलाके बसा शहर है. चंबल घाटी में राज्य की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर स्थित है. 1 नवंबर 1956 को नए मध्य प्रदेश के गठन के राज्यों के पुनर्गठन के परिणामस्वरूप मुरैना अलग जिला बन गया. यह ग्वालियर के पास है और मुरैना की गजक बात करें तो यह इस पूरे इलाके की गजक ही देशभर में फेमस है.
वैसे मुरैना की गजक के फेमस होने के दो कारण है कि यहां खास तरीके से गजक बनाई जाती है, जिस वजह से लोग इसे पंसद करते हैं. यहां की गजक में तिल, गुड़, चीनी का खास मिश्रण होता है और यह मिश्रण खास तरीके से कूट-कूटकर बनाया जाता है, इस वजह से यह फेमस है. इसके अलावा यहां की भौगोलिक स्थिति की वजह से भी यहां की गजक में अलग स्वाद आता है. एक तो रहा बनाने का तरीका और दूसरा चंबल की वजह से इसका स्वाद अलग आता है.
मुरैना की आधिकारिक वेबसाइट पर ही ये जानकारी दी गई है कि चंबल नदी के पानी में कुछ घटकों के कारण है इससे एक मिठाई विकसित की गई थी, जिसका नाम गजक है. कहा जाता है कि इस पानी में कुछ खास तत्व हैं, जिस वजह से जब इसे बनाया जाता है तो इसका टेस्ट थोड़ा अलग आता है. बता दें कि 5 से 8 किलोग्राम गजक तैयार करने में लगभग 10-15 घंटे लगते हैं.
कैसे बनती है गजक?
यहां लोग खास तरह से गजक बनाते हैं. सबसे पहले गुड़, चीनी और पानी के मिश्रण से एक चाशनी तैयार की जाती है. यह एक तरह का लपटा यानी पेस्ट बन जाता है. इसके बाद इसे अच्छे से मिलाया जाता है और फिर उसे कील पर लटका लटकाकर ठंडा किया जाता है।. इसके बाद तिल को गरम किया जाता है और फिर ठंडा किया जाता है. इसके बाद इन्हें मिक्स करके कूटा जाता है और फिर छोटे छोटे पीस में काटा जाता है, जिससे यह गजक बनती है.